मोदी के गढ़ में अखिलेश यादव ने जनता का दिल जीतने की कोशिश, फिर क्या हुआ

वाराणसी। मोदी जी ने काशीवासियों को छला कि नहीं छला। काशी क्योटो बन गया क्या। मंदिरों को तोड़कर बनारस की विरासत को सरकार ने खत्म किया कि नहीं। आधे घंटे के अपने भाषण में इस तरह के ढेर सारे सवालों से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जनता का दिल जीतने की कोशिश की। जनसभा में मौजूद जनता भी हर सवाल का जवाब दे रही थी। ठीक इसी तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी जनसभाओं में जनता से संवाद करते हैं।

 

 

सीरगोवर्धन की रैली में अखिलेश यादव ने बोलना शुरू किया तो उनके भाषण पर कई बार ‘मोदी स्टाइल’ हावी हुआ। जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभा में लोगों से सवाल-जवाब कर दिल में जगह बनाने की कोशिश करते हैं, उसी अंदाज में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी जनता को रिझाने की कोशिश की। अखिलेश ने गंगा और वरुणा नदी की सफाई, नाविकों का उत्पीड़न, 24 घंटे बिजली, खराब सड़कें, बेरोजगारी और काशी विश्वनाथ धाम के लिए ध्वस्तीकरण संबंधी सवाल कर उपस्थित जनसमूह से जवाब मांगा। केंद्र और प्रदेश सरकार की तीखी आलोचना की और सपा सरकार द्वारा काशी में किए गए कार्य गिनाए।
काशी विद्यापीठ ब्लॉक, सामनेघाट, लंका आदि इलाकों के साथ ही चंदौली, मिर्जापुर से कार्यकर्ता जनसभा में पहुंचे। कोई ढोल नगाड़े के साथ नाचते गाते सभा स्थल पहुंचा तो कोई डीजे पर बज रहे पार्टी संबंधी गानों झूम रहा था। हाथ में बसपा, सपा का झंडा लिए उत्साहित कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी की। जनसभा के लिए बना पंडाल भरा रहा। कुछ लोग आसपास खड़े होकर नेताओं का भाषण सुन रहे थे।
सभा स्थल पर लगाए गए स्टाल पर बहुजन समाज पार्टी के झंडे, टोपी, संत रविदास, बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर के चित्रों के अलावा कई प्रकार की प्रचार सामग्री बिक रही थी। यहां पहुंचे लोगों ने पसंद के हिसाब से झंडे और टोपी के अलावा अन्य सामान खरीदा।
सभा में कलाकारों ने बिरहा गाकर मतदाताओं से सपा, बसपा और रालोद गठबंधन की उम्मीदवार को जिताने की अपील की। अलग-अलग नून रोटी खाएंगे, अखिलेश माया को पीएम बनाएंगे। अबकी ई गठबंधन हो, कमल के फूल झुराई जैसे गीत गाए। कलाकारों ने सपा, बसपा के कार्यकाल में किए गए कार्य भी गिनाए।
बसपा सुप्रीमो ने भाषण के दौरान कहा कि यहां महिलाएं भले ही पीछे बैठी हैं, लेकिन मतदान वाले दिन वह आगे आकर मतदान जरूर करें। वहीं, सभा के बीच-बीच में जय अखिलेश के नारे लगते रहे।

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