गड़बड़ी: भारत को वर्ल्‍ड कप जिताने वाला क्रिकेटर फंसा, पुलिस ने दर्ज की एफआईआर

नई दिल्ली। भारतीय अंडर-19 क्रिकेट टीम के सदस्‍य और फाइनल के मैन ऑफ द मैच खिलाड़ी मनजोत कालरा उम्र के नाम पर फर्जीवाड़ा करने के मामले में घिर गए हैं। दिल्‍ली पुलिस की ओर से दायर चार्जशीट में बताया गया है कि उन्‍होंने अपनी उम्र एक साल कम बताया। दिल्‍ली पुलिस की क्राइम ब्रांच जूनियर क्रिकेट में उम्र में जालसाजी करने के कई मामलों की जांच कर रही है. चार्जशीट में कहा गया है कि कालरा की असली जन्‍मतिथि 15 जनवरी 1998 है लेकिन उन्‍होंने 15 जनवरी 1999 बताई। पुलिस ने तीस हजारी कोर्ट में चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्‍ट्रेट के सामने यह चार्जशीट दाखिल की है। पुलिस ने मनजोत कालरा की जगह उनके पिता परवीन कुमार और मां रंजीत कौर का नाम चार्जशीट में रखा गया है. इनके अलावा 11 और बच्‍चों के माता-पिता के नाम भी इसमें हैं.

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चार्जशीट में कहा गया है, ‘यह साफ है कि मनजोत कालरा की जन्‍मतिथि को उसके माता-पिता ने दिल्‍ली के लिए खिलाने के लिए अनुचित फायदे के लिए बदला. इस बात पर कोई संदेह नहीं है कि मनजोत कालरा के परिजनों ने उसके बर्थ सर्टिफिकेट में बदलाव किया.’

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मनजोत कालरा के पिता ने हालांकि पुलिस के आरोपों से इनकार किया है. उन्‍होंने कहा, ‘जब उसे पहली बार स्‍कूल में दाखिल कराया गया तब एक रिश्‍तेदार ने गलत जन्‍मतिथि लिखा दी थी. बाद में इसे ठीक कराया गया था. उसके जन्‍म का सही साल 1999 ही है.

कालरा के साथ ही दिल्‍ली रणजी क्रिकेटर नीतीश राणा पर भी जन्‍मतिथि में छेड़छाड़ का आरोप है. पुलिस का कहना है कि अंडर-15 टीम में जगह बनाने के लिए उनकी उम्र के दस्‍तावेज में तब्‍दीली की गई. ऐसा उनके पिता दारा सिंह राणा ने किया. बता दें कि राणा आईपीएल में कोलकाता नाइटराइडर्स के लिए खेलते हैं.

बता दें कि पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद ने उम्र में गड़बड़ी करने के कई मामलों में 2014 व 2015 में एफआईआर दर्ज कराई थी.

भारतीय टीम के पूर्व कप्‍तान और अंडर-19 टीम के कोच राहुल द्रविड़ ने 2015 में मैक पटौदी व्‍याख्‍यान में उम्र में जालसाजी करने के मुद्दे पर सख्‍त बयान दिया था. उन्‍होंने इसे फिक्सिंग और भ्रष्‍टाचार बताया था.

द्रविड़ ने कहा, ‘मुझे लगता है कि ज्‍यादा उम्र का कारोबार मेरे लिए खतरनाक और जहरीला है, इससे एक सवाल खड़ा होता है- यदि एक बच्‍चा अपने माता-पिता व कोच को गड़बड़ी करते और फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट बनाते देखता है तो क्‍या वह गड़बड़ी करना नहीं सीखेगा. वह अपने बड़ों से ही झूठ बोलना सीखेगा. हो सकता है 14 साल की उम्र में यह केवल उम्र का मसला हो लेकिन 25 साल की उम्र में यह फिक्सिंग या भ्रष्‍टाचार भी हो सकता है. दोनों में वैसे भी क्‍या अंतर है? दोनों मामलों में क्‍या यह साफ-साफ धोखेबाजी नहीं है.’

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