मेरठ में अपराध नहीं हो रहा कम, 117 बदमाशों ने किया पुलिस की नाक में दम

मेरठ में बदमाश बेखौफ हैं और अपराधों का बोलबाला है। जिले के मोस्ट वांटेड 117 अपराधियों के गिरेबान तक पहुंचने के लिए पुलिस के हाथ छोटे पड़ गए हैं। ये बदमाश डी-112 गैंग से अलग हैं।

117 वांटेड मेरठ ही नहीं गाजियाबाद, नोएडा, बुलंदशहर समेत कई जिलों में वारदात कर रहे हैं। वहीं पेट्रोल पंप पर डकैती, किठौर में मुनीम से 18 लाख की लूट, परीक्षितगढ़ में पांच लाख और रेलवे रोड क्षेत्र में चार लाख की लूट में पुलिस खाली हाथ है।

मुठभेड़ में घायल बदमाश पर कुछ दिन पहले होता है इनाम
बड़ा सवाल है कि आखिर फरार इनामी कहां भूमिगत हो जाते हैं, जहां तक पुलिस नहीं पहुंच पाती। पुलिस का दावा कि मेरठ समेत वेस्ट यूपी में अपराध पर अंकुश लगा है। लेकिन सच्चाई है कि अपराध का ग्राफ बढ़ता जा रहा है।

अब हालत यह है कि इक्का दुक्का बदमाशों को छोड़कर पुलिस मुठभेड़ में घायल बदमाश पर तीन-चार दिन पहले ही इनाम करती है। इसकी पोल पुलिस विभाग में दर्ज रिकार्ड ही खोल रहा है। अपराधियों की एक, दो या तीन महीने की सूची में कई ऐसे अपराधी के नाम नहीं हैं, जिसे पुलिस ने मुठभेड़ में घायल किया या ढेर किया है। हालांकि उक्त अपराधियों का अच्छा खासा आपराधिक रिकार्ड जरूर है।

दूसरे जिलों में सरेंडर का खेल
इन 117 बदमाशों में डकैतों और लुटेरों समेत कई बड़े गैंगेस्टर हैं। ढाई लाख के इनामी बदन सिंह बद्दो से लेकर कुख्यात तांत्रिक नजाकत तक का पुलिस के पास अतापता नहीं है। अपराधी या इनके गुर्गे कभी भी बड़ी वारदात कर सकते हैं। इन अपराधियों पर करीब 20 लाख रुपये का इनाम भी घोषित है। पुलिस की लापरवाही से 50-50 हजारी सुशील मूंछ और शहजाद सहित 12 बदमाश एक साल में दूसरे जिलों या राज्यों में सरेंडर भी कर चुके हैं।

पुलिस इनको भूल चुकी
कई इनामी बदमाशों की तलाश में पुलिस दबिश तक नहीं देती। पुलिस इन्हें कंप्यूटर पर अपडेट करती रहती है। लेकिन इनका पता नहीं लेती। नतीजा कई बदमाश अपने रिश्तेदार के यहां रह रहे हैं। मेरठ देहात के कई गांवों से निकलकर अपराधियों ने लिसाड़ी गेट, ब्रह्मपुरी और नौचंदी क्षेत्र में अपना ठिकाना बनाया हुआ है। पुलिस के कई अभियान ठंडे बस्ते में हैं। बीट कांस्टेबल और हलका इंचार्ज भी अपने इलाके के बदमाशों को नहीं जानते।

एसएसपी नितिन तिवारी मेरठ

एसएसपी नितिन तिवारी मेरठ – फोटो : अमर उजाला
20 लाख के इनामी कहां गए 
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक जिले से 20 लाख रुपये के इनामी गायब हैं। इनाम होने पर पुलिस शुरूआत में थोड़ी गंभीर होती है। बाद में इंतजार करती है कि अपराधी खुद ही कहीं न कहीं पेश हो जाएगा। दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में मेरठ के कई अपराधी सरेंडर हो चुके हैं।

इनामी बढ़ते ही सक्रिय होती एसटीएफ 
किसी अपराधी पर 50 हजार का इनाम होते ही एसटीएफ भी एक्टिव हो जाती है। मेरठ में तीन बदमाशों 50 हजारी वसीम काला, टाइगर और धीरज को एसटीएफ ने एक्टिव होकर मुठभेड़ में ढेर किया। इससे पहले भी एसटीएफ कई बदमाशों को जेल भेज चुकी।

ये हैं मेरठ के फरार इनामी
इनाम     अपराधी की संख्या    शहर/देहात
ढाई लाख      बदनसिंह बद्दो (1)    शहर ब्रह्मपुरी
50 हजार     05      शहर
25 हजार     65     शहर और देहात
15 हजार    03     देहात
10 हजार    08     देहात
5 हजार    15     शहर और देहात
25 सौ     10    शहर और देहात
पुलिस की टीम लगी है
इनामी अपराधियों को गिरफ्तार कराने के लिए पुलिस की टीमें लगी हैं। एसएसपी को भी निर्देश हैं कि इनामियों को तुरंत गिरफ्तार करें। इसकी मॉनीटरिंग भी होती है। कई बदमाशों की तलाश में एसटीएफ भी लगी है।
-प्रशांत कुमार, एडीजी मेरठ जोन 

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