असाधारण मांग से बढ़ी कैश की दिक्कत, कैश क्रंच दूर करने के लिए 5 गुना बढ़ेगी नोटों की

नई दिल्ली। देशभर के कई शहरों के एटीएम में पैसे न होने की स्थिति के बाद मंगलवार को सरकार ने इस बात पर अपना पक्ष रखा है। सरकार का कहना है कि आने वाले कुछ समय में 500 रुपए की नोटो की छपाई पांच गुना बढ़ जाएगी। मीडिया से बातचीत में वित्त मामलों के सचिव एससी गर्ग ने कहा कि हम प्रति दिन 500 करोड़ के 500 रुपए के नोट छापते हैं। इस प्रोडक्शन को 5 गूना ज्यादा करने की कोशिश हो रही है। कुछ दिनों में हम ये लक्ष्य प्राप्त कर लेंगे और हर दिन लगभग 2,500 करोड़ के 500 रुपए के नोट छापे जाएंगे। एक महीने के अंदर ये प्रोडक्शन 70 हजार से 75 हजार करोड़ पहुंच जाएगा। वित्त मंत्रालय के ओर से जारी एक रिपोर्ट में मंगलवार को इस बात की पुष्टि हुई कि देश में कुछ स्थानों पर कैश की समस्या है। मंत्रालय ने कहा कि पिछले तीन महीनों में देश में करेंसी की मांग तेजी के बढ़ी है। वहीं अप्रैल में केवल 13 दिनों में ही 45 हजार करोड़ रुपए की करेंसी सप्लाई बढ़ी है।जबकि कैश की ज्यादा डिमांड के कारण ये स्थिति आई है। ये डिमांड आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और बिहार में बढ़ी है। वहीं कुछ बैंक सूत्रों का कहना है कि पैसे उन राज्यों में डायवर्ट हुए हैं जहां चुनाव होने हैं, जबकि बहुत से एटीएम अभी 200 नोट के लिए डिजाइन नहीं हुए हैं। जिस कारण ये समस्या हो रही है।
जिसके बाद राज्य वित्तमंत्री एसपी शुक्ला ने मंगलवार सुबह कहा, ‘हमारें पास कुल 1,25,000 करोड़ रुपए की कैश करेंसी है। कुछ राज्यों के साथ समस्या जरूर है, जहां कम करेंसी है और कई राज्यों में ज्यादा करेंसी है। सरकार इसके लिए राज्स स्तर पर कमेटी का गठन कर रही है। राज्यों में पैसे भेजने के लिए आरबीआई ने भी कमेटी का गठन किया है। इस समस्या को तीन दिनों में सुलझा लिया जाएगा।’वहीं मामला बढ़ने पर वित्तमंत्री अरुण जेटली ने भी ट्विटर पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, ‘ देशभर के बैंकों में पर्याप्त कैश मौजूद है। कुछ स्थानों पर जो समस्या हो रही है, वह अचानक मांग बढ़ने के कारण हुई है। कुछ क्षेत्रों में कैश की समस्या को दूर किया जा चुका है। हम देशभर में कैश करेंसी की स्थिति का पुनरावलोकन कर रहे हैं।’ हालांकि इस मौके पर विपक्ष ने सरकार पर जमकर निसाना साधा और इसे नोटबंदी जैसा करार दिया।

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*