कर्नाटक: रोते हुए बोले कुमारस्वामी, ‘गठबंधन का दर्द मैं ही समझ सकता हूं’

नई दिल्ली। कर्नाटक मुख्यमंत्री और जेडीएस नेता कुमारस्वामी ने कहा है कि वह सत्ता में तो हैं लेकिन इसके लिए उन्हें नीलकंठ की तरह विष पीना पड़ रहा है। उन्होंने कहा, ”मैं जानता हूं कि मैं मुख्यमंत्री बना इसकी वजह से आप खुश हैं लेकिन मैं खुश नहीं हूं। मैं भगवान नीलकंठ की तरह विष पी रहा हूं.” यह कहते कहते सीएम की आंखें भर आई।
कुमारस्वामी ने आगे कहा, ”यह सच है कि मैं चुनाव से पहले मुख्यमंत्री बनना चाहता था और मैंने कई वायदे किये। आज लोग खुश हैं लेकिन मैं मुख्यमंत्री बनकर खुश नहीं हूं। अगर मैं चाहूं तो मैं मुख्यमंत्री पद से त्याग दे सकता हूं। आज हम जहां भी जाते हैं लोग स्वागत करते हैं। लोग कहते हैं कि किसानों की कर्जमाफी से वह खुश हैं। लेकिन मुझे दुख है कि उन्होंने हमारी पार्टी (जेडीएस) को पूर्ण बहुत से नहीं जिताया। लोग हमसे प्यार करते हैं।” कुमारस्वामी ने ये बातें बेंगलूरू में जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) की ओर से आयोजित सम्मान समारोह में कही।
कुमारस्वामी के इस भावुक भाषण की तात्कालिक वजह सोशल मीडिया पोस्ट हैं। इसे ‘कुमारस्वामी मेरे सीएम नहीं’ वाली सोशल मीडिया पोस्ट का असर समझा जा रहा है। दरअसल कोदागू के एक लड़के ने एक विडियो पोस्ट किया था जिसमें उसके गांव की सड़क बह गई। उसने कहा कि सीएम को इसकी चिंता ही नहीं है। इसी तरह कोस्टल जिलों के मछुआरे भी लोन माफी नहीं होने की वजह से कुमारस्वामी सरकार के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं।
कुमारस्वामी ने कहा कि कोई नहीं जानता कि लोन माफी के लिए अधिकारियों को मनाने के लिए मुझे कितनी बाजीगरी करनी पड़ी है। सीएम ने कहा, ‘अब वे ‘अन्ना भाग्य स्कीम’ में 5 किलो चावल की बजाय 7 किलो चाहते हैं। मैं इसके लिए कहां से 2500 करोड़ रुपये लेकर आऊं? टैक्स लगाने के लिए मेरी आलोचना हो रही है। इन सबके बावजूद मीडिया कह रही है कि मेरी लोन माफी स्कीम में स्पष्टता नहीं है। अगर मैं चाहूं तो 2 घंटों के भीतर सीएम का पद छोड़ दूं।’

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*