मथुरा में तीन सितम्बर को ही मनायी जाएगी जन्माष्टमी

मथुरा। इस वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी कब है इसको लेकर संशय का माहौल छंटने का नाम नहीं ले रहा है। कुछ पंडितों का कहना है कि इस बार जन्माष्टमी 2 सितम्बर को मनायी जायेगी वहीं कुछ पंडितों का कहना है कि जन्माष्टमी 3 सितम्बर को मनायी जायेगी जब इस मुद्दे पर दिल्ली के ऐतिहासिक बिड़ला मंदिर में जाकर स्थिति स्पष्ट करनी चाही तो वहां पंडित लालचंद शर्मा जी ने बताया कि बिड़ला मंदिर में जन्माष्टमी का त्योहार उसी दिन मनाया जाता है जिस दिन मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाता है। पंडित जी ने जानकारी दी कि इस बार मथुरा में तीन सितम्बर को जन्माष्टमी का पर्व मनाया जायेगा इसीलिए बिड़ला मंदिर में भी तीन सितम्बर को जन्माष्टमी मनायी जायेगी। उन्होंने बताया कि दो सितम्बर की शाम को झाकियां निकलेंगी और तीन को पर्व मनाया जायेगा। गौरतलब है कि दिल्ली का बिड़ला मंदिर अपने भव्य श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के लिए मशहूर है।
उधर जब मथुरा के मंदिरों में जन्माष्टमी की तिथि को लेकर स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की गयी तो श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि इस बारे में नाहक ही विवाद हो रहा है कि जन्माष्टमी दो दिनों की हो गयी है। उन्होंने बताया कि ऐसा हमेशा होता रहा है और शैव परम्परा के अनुयायी उस दिन जन्माष्टमी मनाते हैं जिस दिन रात में अष्टमी पड़ रही हो वहीं वैष्णव परम्परा के अनुयायी उस दिन जन्माष्टमी मनाते हैं जब सूर्योदय के बाद अष्टमी पड़ रही हो, भले ही वह अष्टमी एक मिनट की ही हो। उन्होंने बताया कि ब्रज के सभी मंदिरों में और श्रीकृष्ण जन्मस्थान में तीन सितम्बर को ही जन्माष्टमी का पर्व मनाया जायेगा।

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