मंत्रालय मजबूत हुआ, ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ को मिली बड़ी सफलता: मेनका

नयी दिल्ली। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना को आज अपने मंत्रालय की बड़ी सफलता करार दिया और कहा कि दुनिया में कहीं भी सामाजिक बदलाव की किसी योजना को इतने कम समय में जमीनी स्तर पर नहीं उतारा गया। नरेंद्र मोदी सरकार के चार साल पूरा होने के मौके पर मेनका ने अपने मंत्रालय की उपलब्धियों और महिला एवं बाल विकास से जुड़ी विभिन्न योजनाओं के प्रभाव का उल्लेख किया। उन्होंने यह भी कहा कि उनके नेतृत्व में यह मंत्रालय पहले से ज्यादा प्रासंगिक, मजबूत और जरूरत के मुताबिक कदम उठाने वाला बन चुका है और नीतियों के संदर्भ में भी बड़े बदलाव हुए हैं।
मंत्री ने जनवरी, 2015 में शुरू हुई ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘ यह बड़ी उपलब्धि है। दुनिया में कहीं भी इतने कम समय में सामजिक बदलाव से जुड़ी कोई योजना लागू नहीं की गई। हम दहेज के खिलाफ 70 साल से लड़ रहे हैं, लेकिन हम लक्ष्य को हासिल नहीं कर सके। बेटी बचाओ योजना में हमें बड़ी सफलता मिली है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने 100 जिलों का चयन किया और इनमें 61 में लिंगानुपात में सुधार देखने को मिला। अब 119 जिलों में यह प्रगति देखने को मिली है।’’
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी, 2015 को हरियाणा से ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना की शुरूआत की थी। मेनका ने कहा, ‘‘हमने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को प्रासंगिक और लोगों की जरूरत के मुताबिक कदम उठाने वाला बनाया है। यह एक मजबूत मंत्रालय बन गया है। यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास लोग मदद के लिए आते हैं और हम मदद करते है। इस पर मुझे गर्व है। हम नीतिगत रूप से और अपने कदमों से लोगों की मदद की है।’’ मंत्री ने ‘राष्ट्रीय महिला नीति’, ‘प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना’, वन स्टॉप सेटर (सखी), 181-महिला हेल्पलाइन, ई-बॉक्स, शी-बॉक्स और कई दूसरी योजनाओं और कदमों का उल्लेख किया।

उन्होंने कहा कि यौन उत्पीड़न के मामलों में जल्द सजा सुनिश्चित कराने के मकसद से चंडीगढ़ में फोरेंसिक प्रयोगशाला की शुरूआत की गई है और इस साल पुणे, भोपाल, चेन्नई, मुंबई और गुवाहाटी में ऐसे दूसरी प्रयोगशालाएं स्थापित कर दी जाएंगी। पुलिस विभाग की नियुक्तियों में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण दिए जाने की पैरवी करते हुए मेनका ने कहा कि अब तक इस पर 17 राज्यों/केंद्रशासित क्षेत्रों ने सहमति ने दी है। मोबाइल फोन में ‘पैनिक बटन’ के संदर्भ में मेनका ने कहा कि इसका परीक्षण लगभग पूरा हो चुका है और इस पर आगे कदम उठाया जाएगा।

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