अमेरिका एनएसए ने अजित डोभाल से की बात, बोले हम भारत के साथ

नई दिल्ली। पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले पर अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं। बोल्टन ने अपने भारतीय समकक्ष अजीत डोभाल से कहा कि उनका देश भारत के आत्म रक्षा के अधिकार का समर्थन करता है। बोल्टन ने शुक्रवार सुबह डोभाल को फोन करके जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले के लिए संवेदनाएं जताई और भारत को आतंकवाद से लड़ाई में अमेरिका का पूरा समर्थन देने की पेशकश दी।
उन्होंने बताया, ‘मैंने आज अजीत डोभाल से कहा कि हम भारत के आत्म रक्षा के अधिकार का समर्थन करते हैं। मैंने आज सुबह सहित दो बार उनसे बात की और आतंकवादी हमले पर अमेरिका की ओर से संवेदनाएं व्यक्त की।’बोल्टन ने कहा कि अमेरिका पाकिस्तान द्वारा आतंकवादी पनाहगाहों को समर्थन देना बंद करने को लेकर बहुत स्पष्ट है।
उन्होंने कहा, ‘हम इस पर काफी स्पष्ट हैं और हम पाकिस्तान से इस पर बातचीत करते रहेंगे।’ इससे पहले व्हाइट हाउस और विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने पाकिस्तान से देश के भीतर आतंकवादियों की पनाहगाहों को समर्थन देना बंद करने के लिए कहा था। पोम्पिओ ने टि्वटर पर कहा, ‘हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ खड़े हैं। पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाले आतंकवादियों को पनाहगाह उपलब्ध नहीं करानी चाहिए।’
पाकिस्तान को सख्त लहजे में दिए संदेश में व्हाइट हाउस ने पाकिस्तान से सभी आतंकवादी समूहों को अपना ‘समर्थन तुरंत बंद’ करने और उन्हें पनाहगाह उपलब्ध नहीं कराने को कहा। अमेरिका ने पुलवामा आतंकी हमले की निंदा भी की जिसमें सीआरपीएफ के कम से कम 40 जवान शहीद हुए हैं।
इससे पहले अमेरिका ने पाकिस्तान को सख्त संदेश दिया है और कहा है कि वह सभी आतंकवादी समूहों को समर्थन और पनाह देना तुरंत बंद करे। पाकिस्तान से गतिविधियां चलाने वाले आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) ने पुलवामा में गुरूवार को हुए फिदाई हमले की जिम्मेदारी ली है। इस हमले में सीआरपीएफ के कम से कम 40 जवान शहीद हुए हैं।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने एक बयान में कहा, ‘अमेरिका पाकिस्तान से अपील करता है कि वह अपनी जमीन से आतंकी गतिविधियां चलाने वाले ऐसे सभी आतंकवादी संगठनों को समर्थन और पनाह देना तुरंत बंद करे जिनका एकमात्र लक्ष्य क्षेत्र में अव्यवस्था, हिंसा और आतंक फैलाना है।’

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