हटेंगे तोगड़िया और राघव रेड्डी, RSS का पसंदीदा शख्‍स बनेगा VHP का नया अध्‍यक्ष

पीएम नरेंद्र मोदी से विवाद को लेकर चर्चा में रहे विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया जल्‍द अपने पद पर नहीं बने रहेंगे. 14 अप्रैल को विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया और विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष राघव रेड्डी को वीएचपी संगठन के कार्यकारी बोर्ड की बैठक में हटा दिया जाएगा.

सूत्रों के अनुसार आरएसएस के नेतृत्व ने विश्व हिंदू परिषद को निर्देश दे दिया है क‍ि ज़रूरत पड़ने पर संगठन के संविधान के अनुसार संगठन के चुनाव भी कराये. वीएचपी के कार्यकारी बोर्ड की बैठक में संघ के बड़े अधिकारी भी मौजूद रहेंगे.

संघ नहीं चाहता हैं कि प्रवीण तोगड़िया वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष और राघव रेड्डी वीएचपी के अध्यक्ष बने रहे. 14 अप्रैल को संघ की पसंद वी. कोकजे नए वीएचपी अध्यक्ष बन सकते हैं.14 अप्रैल को गुरुग्राम  में कार्यकारी बोर्ड की बैठक होगी.

वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया और वीएचपी के अध्यक्ष राघव रेड्डी  का कार्यकाल पिछले साल दिसम्बर में ही ख़त्म हो गया था. वीएचपी के नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए बीते 29 दिसंबर को भुवनेश्वर संगठन के कार्यकारी बोर्ड की बैठक हुई थी. आरएसएस राघव रेड्डी की जगह वी. कोकजे को अध्यक्ष बनाना चाहता था, लेकिन तोगड़िया और उनके समर्थकों ने हंगामा करके चुनाव को नहीं होने दिया था. इसी के चलते नए अध्यक्ष का चुनाव नहीं हो सका.

पिछले महीने नागपुर में संघ की प्रतिनिधि सभा की बैठक में प्रवीण तोगड़िया और राघव रेड्डी को संघ नेतृत्व ने साफ़ कर दिया था क‍ि दोनों को अपने पद छोड़ने पड़ेंगे. आपको बता दें क‍ि प्रवीण तोगड़िया और पीएम मोदी के बीच लड़ाई पुरानी है.  संघ और वीएचपी के नेता भी पीएम मोदी और तोगड़िया की इस लड़ाई से हर तरह से वाकिफ हैं.

संघ के सूत्रों के अनुसार संघ के बड़े अधिकारियों के पास ये जानकारी है कि प्रवीण तोगड़िया ने गुजरात में बीजेपी के खिलाफ कई काम किए थे. संघ के नेतृत्व के पास ये भी जानकारी है क‍ि गुजरात के पाटीदार नेता और चुनाव में कोंग्रेस का समर्थन करने वाले हार्दिक पटेल प्रवीण तोगड़िया के साथ लम्बे समय से सम्पर्क में थे.

संघ का तोगड़िया को हटाने के पीछे एक कारण ये भी है कि मोदी सरकार बनने के बाद से जिस तरह से प्रवीण तोगड़िया मोदी और बीजेपी के खिलाफ खुल कर हमले करते हैं, इससे सरकार और बीजेपी दोनों पर विपक्ष को भी हमला करने का मौका मिल जाता है.

प्रवीण तोगड़िया ने पिछले दिनों अपने एनकाउंटर का आरोप इशारों-इशारों में पीएम मोदी और उनकी सरकार पर बड़े आरोप लगाए थे. संघ नहीं चाहता है कि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले सरकार और बीजेपी के साथ उनके अन्य संगठनों के बीच में किसी भी तरह मतभेद आम जनता के सामने आये. इसलिए संघ नहीं चाहता है कि प्रवीण तोगड़िया वीएचपी में कार्यकारी अध्यक्ष पद बने रहे.

संघ जानता है क‍ि पूरा विपक्ष 2019 के आम चुनाव में मोदी सरकार और बीजेपी के ख़िलाफ़ लामबंद होने जा रहा है. ऐसे में अपने संगठनों ने भी अगर सरकार और बीजेपी के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया तो सरकार की ताक़त भी कम होगी और मुश्किलें भी बढ़ जायेगी, जिसका ख़ामियाज़ा चुनाव में उठाना पड़ेगा.

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*