पुलवामा हमला: आतंकी हमले में राजस्थान के पांच बेटे शहीद

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में अवंतीपुरा के गोरीपुरा इलाके में सेना के काफिले पर हुए आतंकी हमले में 44 जवान शहीद हो गए, जिसमें राजस्थान के भी 5 वीर सपूत थे। इस आतंकी हमले में धौलपुर राजाखेड़ा के भागीरथ सिंह कसाना, हेमराज मीणा, रोहिताश लांबा, राजसमंद के नारायण लाल और भरतपुर में नगर तहसील के जीतराम शामिल हैं।

शहीद भागीरथ सिंह कसाना
देश की सरहद की रक्षा करते हुए राजस्थान के धौलपुर जिले का लाल पुलवामा में हुए आतंकी हमले में शहीद हो गया। शहीद भागीरथ सिंह जिले के गांव जैतपुर निवासी परशुराम का पुत्र था, जो श्रीनगर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में शहीद हो गया है। शहीद भागीरथ सिंह 6 वर्ष पूर्व सीआरपीएफ की 45 वी बटालियन में भर्ती हुआ था। शहीद भागीरथ की 4 वर्ष पूर्व रंजना से शादी हुई थी। शहीद के एक 3 वर्षीय पुत्र विनय और एक वर्ष की पुत्री है। शहीद की मां की बचपन में ही मौत हो गई थी। शहीद का एक भाई बलवीर उत्तर प्रदेश पुलिस में सिपाही हैं। भागीरथ के शहीद होने की सूचना जैसे ही उनके परिजनों को मिली तो पजिनों में कोहराम मच गया ओर पूरे गांव सहित जिलें में शोक की लहर छा गई हैं।

शहीद हेमराज मीणा
कोटा जिले के सांगोद कस्बे से 8 किमी दूर विनोदखुर्द गांव निवासी हेमराज मीणा भी इस आतंकी हमले में शहीद हो गए। उनके पत्नी और बच्चे सांगोद के सेन कॉलोनी में रहते हैं। शहीद हेमराज मीणा के गांव विनोद खुर्द में सन्नाटा था। कुछ लोग जरूर बतिया रहे थे। इन्हें गांव के सपूत हेमराज के शहीद होने की सूचना मिल चुकी थी। हेमराज चार भाइयों में दूसरे नंबर का था। उसके परिवार में पत्नी मधू, दो पुत्र व दो पुत्रियां हैं। बड़ा भाई रामविलास मीणा गांव में ही रहते हैं। जबकि हेमराज से छोटे भाई देवलाल व सोनू मीणा अधिकांशत: खेत पर ही रहते हैं। रामविलास को भाई के शहीद होने की खबर मिल गई थी। पिता हरदयाल व मां रतना बाई हैं। रामविलास ने बताया कि हेमराज की पत्नी व बच्चे सांगोद की सेन कॉलोनी में रहते हैं।

शहीद जीतराम
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा आतंकी हमले में राजस्थान के भरतपुर जिले का जवान शहीद हो गया, जिसकी सूचना पर शहीद के पैतृक गांव में शोक की लहर फ़ैल गयी है। हालांकि अभी तक इसकी सूचना शहीद के परिजनों को नहीं दी गयी है। भरतपुर के नगर थाना क्षेत्र के गांव सुंदरावली निवासी जीतराम गुर्जर जो सीआरपीएफ की 92वीं बटालियन में जवान के पद पर तैनात था, वह भी आतंकी हमले में शहीद हो गए और आज शाम तक उनके पार्थिव शव के गांव पहुंचे की उम्मीद है।

शहीद जीतराम 12 फरवरी को ही छुट्टी बिताकर अपनी ड्यूटी पर लौटा था | शहीद के घर में उसकी पत्नी सुंदरी देवी, दो मासूम बच्चियां, पिता राधेश्याम, भाई विक्रम सिंह, मां गोपा देवी है। शहीद का भाई विक्रम सिंह अभी बेरोजगार है, जो तैयारी कर रहा है और वह किसी भर्ती देखने के लिए फिलहाल बाहर गया हुआ है। जीतराम ने 2010 में सीआरपीएफ ज्वाइन की थी, जिसकी शादी करीब 5 वर्ष पूर्व हुई थी। घर में कमाने वाला वह अकेला था, लेकिन उसके शहीद होने के बाद आज घर में कमाने वाला फिलहाल कोई नहीं है।

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