खुशखबरी: तेजस्वी के घोषणापत्र में 10 लाख नौकरी, 85% कोटा बिहारियों के लिए, RJD ने बताई वजह

10 लाख नौकरी
10 लाख नौकरी

राष्ट्रीय जनता दल ने पहले चरण के मतदान से चार दिन पहले अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है. घोषणापत्र जारी करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा ये घोषणापत्र हमारा प्रण है. आरजेडी ने अपने मेनिफेस्टो में बिहार के बेरोजगार युवाओं के लिए 10 लाख नौकरी का वादा किया है. आरजेडी के मेनिफेस्टो में वादा किया गया है कि तेजस्वी सरकार बनने के बाद जो कैबिनेट की पहली बैठक होगी उसमें युवाओं को 10 लाख नौकरी देने का वादा पूरा किया जाएगा.

85 फीसदी कोटा क्यों का जवाब

इसके साथ घोषणापत्र में आरजेडी ने बिहार में डोमिसाइल नीति लागू करने का भी वादा किया गया है. मेनिफेस्टो में कहा गया है कि तेजस्वी सरकार बनने के बाद बिहार में डोमिसाइल नीति लागू की जाएगी जिसके अंतर्गत राज्य सरकार की नौकरियों में बिहार के युवाओं को 85 फीसदी का आरक्षण दिया जाएगा. आरजेडी नेता मनोज झा ने राज्य की 85 फीसदी नौकरियों को बिहार के बेरोजगारों के लिए आरक्षित करने के सवाल पर कहा कि हालांकि वे दूसरे राज्यों में इस तरह के आरक्षण का विरोध करते हैं, लेकिन बिहार के लिए यह सही पॉलिसी है क्योंकि बिहार संसाधन विहीन राज्य है.

दुष्कर्म: युवती को फेसबुक पर दोस्ती करना पड़ा भारी, युवक ने शादी का झांसा देकर मना डाली रंग रैली

बेरोजगारी बिहार चुनाव का बड़ा मुद्दा: बता दें कि इस बार बिहार चुनाव में बेरोजगारी एक बहुत बड़ा मुद्दा बनकर सामने आया है. राज्य सरकार ने युवाओं को लुभाते हुए राज्य सरकार की नौकरियों और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए आवेदन शुल्क शून्य कर दिया है, यानी अब हर परीक्षा के लिए 500 से 1000 रुपये छात्र-छात्राओं को नहीं देने पड़ेंगे. मेनिफेस्टो में आरजेडी की सरकार बनने के बाद युवाओं के लिए बिहार युवा आयोग के गठन की भी बात कही गई है. आरजेडी ने वादा किया है कि 35 वर्ष तक के बेरोजगार युवाओं को प्रतिमाह 1500 रुपया बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा.

आरजेडी ने कहा है कि शिक्षा से संबंधित 5 लाख तक के कर्ज को तेजस्वी सरकार माफ करेगी. पीरियोडिक लेबर फोर्स द्वारा कराए गए एक सर्वे के अनुसार 2018-19 में बिहार में बेरोजगारी दर 10.2% है जो कि राष्ट्रीय औसत से दुगना है. राष्ट्रीय बेरोजगारी औसत इसी दौरान 5.8% थी. इसी सर्वे के मुताबिक 2018-19 में बिहार में केवल 10.4% लोग वेतन भोगी थे जबकि राष्ट्रीय औसत 23.8% था. इन आंकड़ों से साफ स्पष्ट होता है कि बिहार में बेरोजगारी हमेशा से ही एक बहुत बड़ा मुद्दा रही है मगर पहली बार चुनाव में किसी ने इस मुद्दे को इस कदर उछाला है कि जनता इससे अपने आप को जोड़कर देख रही है.

बच्ची से हैवानियत: सीतारमण ने इस घटना पर पूछा- ‘राहुल गांधी अब चुप रहेंगे? पिकनिक मनाने नहीं जाएंगे?’

युवाओं को लेकर एक और महत्वपूर्ण घोषणा जो इस मेनिफेस्टो में की गई है वह पिछड़ी जाति और दलित समाज से आने वाले बच्चों को लेकर है. पिछड़ी जाति और दलित समाज के जो बच्चे 12वीं की कक्षा में 80 फीसदी अंक प्राप्त करेंगे उन्हें राज्य सरकार फ्री लैपटॉप देगी. तेजस्वी यादव भले ही कहते हैं कि उनकी पार्टी मुसलमान और यादवों की नहीं बल्कि A टू Z की पार्टी है मगर पिछड़ी जाति और दलित समाज से आने वाले बच्चों को फ्री लैपटॉप की घोषणा करके तेजस्वी यादव ने पिछड़ी और दलित वोट बैंक को भी साधने की कोशिश की है.

इसके साथ ही बिहार में शिक्षा के बजट को राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 22 फ़ीसदी करने की भी घोषणा की गई है.

फिर से उठाएंगे विशेष राज्य का दर्जा

आरजेडी नेता मनोज झा ने कहा कि सरकार में आते ही आरजेडी फिर से बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे का मुद्दा उठाएगी. मनोज झा ने कहा कि अब हम खैरात नहीं मांगेंगे. सरकार बनने के दो महीने के भीतर विधानसभा से बिल पारित कराकर हम फिर से आवेदन देंगे और विशेष राज्य का दर्जा मिलने तक आमरण अनशन करेंगे.

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*