7 महीने बाद जीएसटी काउंसिल की मीटिंग आज, जानिए इसमें शामिल 5 नए चेहरों के बारे में

नई दिल्ली
जीएसटी काउंसिल (GST Council) की 7 महीने के अंतराल के बाद आज बैठक हो रही है। वैसे तो इसके एजेंडे में इकॉनमी के जुड़े मुद्दे हैं लेकिन इसमें राजनीतिक लाइन पर चर्चा की संभावना है। चाहे वह वैक्सीन पर टैक्स का मामला हो या फिर काउंसिल में राज्यों को ज्यादा अधिकार देने का मुद्दा, इन पर राजनीति के हावी रहने के आसार हैं। इसके एजेंडे में सबसे बड़ा मुद्दा यही है कि कोविड से जुड़े सामान, वैक्सीन और दवाओं पर टैक्स लगाया जाना चाहिए या नहीं।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) की अगुवाई वाले जीएसटी काउंसिल में इस बार 5 नए चेहरे शामिल हो रहे हैं। कई राज्यों में हाल में हुए विधानसभा चुनावों के बाद जीएसटी काउंसिल में नए चेहरे शामिल हो रहे हैं। इनमें पुडुच्चेरी के मुख्यमंत्री एन रंगास्वामी, बिहार के उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, असम की वित्त मंत्री अजंता नियोग, तमिलनाडु के वित्त मंत्री पलानीवेल त्यागराजन और केरल के वित्त मंत्री के एन बालागोपाल शामिल हैं।

विपक्षी दलों के तेवर सख्त
विधानसभा चुनावों में तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में भाजपा और सहयोगी दलों की हार से विपक्षी दलों के शासन वाले राज्यों के तेवर बदले हुए हैं। वे कोविड वैक्सीन पर जीरो टैक्स की मांग कर रहे हैं। अभी वैक्सीन पर 5 फीसदी जीएसटी लगती है। कुछ राज्यों ने कोरोना की वैक्सीन को पूरी तरह टैक्स से मुक्त रखने या 0.1 फीसदी का मामूली टैक्स लगाने का सुझाव दिया है। बैठक में कोविड से जुड़े सामान पर टैक्स कम करने या खत्म करने के प्रस्ताव पर भी चर्चा होगी।

फिटमेंट पैनल की पिछले गुरुवार को बैठक हुई थी जिसमें कोरोना वैक्सीन और इससे जुड़े मटीरियल्स पर जीएसटी कम करने या खत्म करने के सुझावों पर विचार किया गया। इस पैनल में केंद्र, राज्य और जीएसटी काउंसिल सेक्रेटेरिएट के अधिकारी शामिल हैं। पैनल जीएसटी में बदलाव से होने वाले फायदे और नुकसान तथा वैक्सीन की कीमत पर पड़ने वाले प्रभावों की एक सूची बनाई है। जीएसटी काउंसिल इस पर विचार करेगी।

क्या वैक्सीन पर टैक्स में मिलेगी छूट
मामले की जानकारी रखने वाले दो अधिकारियों ने बताया कि वैक्सीन पर जीएसटी में छूट देने के प्रस्ताव पर गहराई से विचार करने की जरूरत है। कई ऐसे मामले सामने आए हैं जब इस तरह के कदम से इनपुट टैक्स क्रेडिट के कारण कीमतें बढ़ी हैं। एक अधिकारी ने कहा कि वैक्सीन पर टैक्स में पूरी तरह छूट देने और मामूली टैक्स लगाने के सभी पहलुओं पर व्यापक विचार विमर्श किया गया है। अब इसे काउंसिल के सामने रखा जाएगा। अगर किसी भी आइटम को जीएसटी से छूट मिलती है तो मैन्युफैक्चरर्स इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा नहीं कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में जीएसटी के बिना कीमतें अधिक हो सकती हैं क्योंकि लागत में सभी इनपुट टैक्स शामिल होंगे। 0.1 फीसदी नॉमिनल टैक्स से इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा करने की अनुमति होगी।

पीडब्ल्यूसी में पार्टनर प्रतीक जैन ने कहा कि जीरो जीएसटी छूट से बेहतर विकल्प है। लेकिन जीएसटी कानूनों के तहत जीरो रेटिंग निर्यात और एसईजेड तक सप्लाई तक ही सीमित है। इसमें संशोधन में समय लगेगा। इसलिए सरकार वैक्सीन पर मिनिमल रेट या जीएसटी पर रिफंड या सब्सिडी देने के विकल्प पर विचार कर सकती है। हरियाणा सरकार ने हाल ही में कोरोना से जुड़ी राहत सामग्री पर इस तरह की स्कीम प्रस्तावित की है। इस तरह के रिफंड या सब्सिडी से प्रशासनिक दिक्कतें आ सकती हैं।

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