काबिलियत: सड़कों पर झाडू लगाने वाली मां ने बदली अपनी तकदीर, मेहनत कर बनी एसडीएम अफसर

जयपुर। हर इंसान चाहता है कि वह अपनी लाइफ में कामयाब बने, लेकिन सफलता उन्हीं को मिलती है, जो चुनौतियों का सामने करते हुए दिन रात मेहनत करते हैं और कभी निराश नहीं होते। कुछ ऐसा ही काबिलियत का लोहा मनवाया है जोधपुर नगर निगम में महिला सफाईकर्मी आशा कंडारा ने, जिसने दिन रात मेहनत कर राजस्थान प्रशासनिक सेवा की परीक्षा पास कर एसडीएम अफसर बन गई है।

2 बच्चों की जिम्मेदारी उठाते हुए दिन रात की मेहनत
दरअसल, आशा कंडारा अपनी कड़ी मेहनत के बल पर आरएएस परीक्षा 2018 को पास कर चयनित हो गई है। जो देश के करोड़ों युवाओं के लिए मिसाल बन गई है। आशा सुबह-शाम जोधपुर की सड़कों पर झाड़ू लगाती और जो समय मिलता उसमें अपने दो बच्चों की परवरिश करती, इसके बाद बचे हुए समय में वह मन लगाकर पढ़ाई करती। जिसका नतीजा यह हुआ कि उसकी यह मेहनत रंग लाई और प्रदेश की बड़ी अफसर बन गई।

शादी के 5 साल बाद ही पति ने छोड़ दिया, लेकिन नहीं हारी हिम्मत
बता दें कि आशा कंडारा की अभी तक की लाइफ कठनाइयों से भरी रही है। 1997 में आश की शादी हुई थी, लेकिन शादी के करीब 5 साल बाद ही पति ने तलाक देकर छोड़ दिया। लेकिन इसके बाद भी आशा ने हिम्मत नहीं हारी और कुछ अलग करने का ठान लिया। पिता अकाउंटेंट थे जो कि रिटायर हो चुके हैं। ऐसे में अब घर का खर्चा चलाने की जिम्मेदारी भी आशा के कंधों पर आ गई।

2 साल सड़कों पर झाड़ू लगाई..घर जाकर रात को करती पढ़ाई
आशा ने मुश्किल हालात में भी पढ़ाई को बीच में नहीं रोका और 2016 में ग्रेजुएशन किया। इसके बाद दिन रात मेहनत करके आरएएस परीक्षा की तैयारी की। इसके साथ ही 2018 में सफाई कर्मचारी भर्ती की परीक्षा दी और उसमें चयन हो गया। इस दौरान उसने दो साल तक जोधपुर की सड़कों पर झाड़ू लगाई। लेकिन अपना जज्बा नहीं खोया। लॉकडाउन की वजह से कोचिंग नहीं जा सकी तो ऑनलाइन पढ़ाई की और अगस्त में प्री-परीक्षा पास कर लिया। इसके बाद मेन्स की तैयारी में जुट गईं और अब आरएएस परीक्षा पास कर ली।

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