भारत में जंगली जानवरों के लिए आए अच्छे दिन, मोदी सरकार ने दिया बाघ संरक्षण के लिए 300 करोड़ का बजट

मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में शनिवार, 17 सितंबर 2022 को अफ्रीका के नामीबिया से लाए गए 8 चीतों को छोड़ा जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के कार्यकाल के दौरान देश में जंगली जानवरों की स्थिति में सुधार हुआ है। संरक्षित वन क्षेत्र बढ़ा है, जिससे जंगली जानवरों के संरक्षण में मदद मिली है।

2014 में भारत में संरक्षित वन क्षेत्रों का कवरेज 4.90% था। यह अब बढ़कर 5.03% हो गया है। 2014 में भारत में संरक्षित क्षेत्रों की संख्या 740 (1,61,081.62 वर्ग किलोमीटर) थी। वर्तमान में यह बढ़कर 981 (1,71,921 वर्ग किलोमीटर) हो गई है। भारत दुनिया के उन कुछ देशों में शामिल है जहां वन क्षेत्र लगातार बढ़ रहा है। पिछले चार वर्षों में वन और वृक्षों के आवरण में 16,000 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है। कम्युनिटी रिजर्व की संख्या में भी वृद्धि हुई है। 2014 में इसकी संख्या सिर्फ 43 थी। अब यह बढ़कर 100 से अधिक हो गई है।

भारत दुनिया में बाघों का घर है। दुनिया के लगभग 75 फीसदी बाघ भारत में रहते हैं। 18 राज्यों में करीब 75,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में 52 टाइगर रिजर्व हैं। 2014 में भारत में बाघों की संख्या 2,226 थी। 2022 तक बाघों की संख्या दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया था। इस लक्ष्य को 2018 में ही हासिल कर लिया गया।

बाघों के संरक्षण के लिए भारत सरकार ने 2022 में 300 करोड़ रुपए का बजट अलॉट किया था। 2014 में इसके लिए 185 रुपए का बजट अलॉट हुआ था। भारत में एशियाई शेरों की आबादी में लगातार वृद्धि हुई है। 2015 में भारत में शेरों की संख्या 523 थी। अब यह बढ़कर 674 हो गई है। शेरों की संख्या में 28.87 फीसदी की वृद्धि हुई है। 2014 में देश में तेंदुए की संख्या 7910 थी। 2020 तक तेंदुए की संख्या बढ़कर 12,852 हो गई। तेंदुए की संख्या में 60फीसदी से अधिक की वृद्धि हुई है।

 

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