मौजूदा संकट से निपटने के लिए अडानी समूह ने बनाया बड़ा प्लान, जानकर हो सकती हैरानी है

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हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट से अडानी समूह को जो चोट पहुंची है उससे निपटने के लिए अडानी ग्रुप जो प्लान बना रहा है, उसे जानकर हैरानी हो सकती है.

अडानी समूह के शेयरों में आज फिर गिरावट देखी जा रही है और अडानी एंटरप्राइजेज को छोड़कर बाकी अडानी स्टॉक्स में गिरावट देखी जा रही है. अडानी टोटल गैस, अडानी पावर, अडानी ट्रांसमिशन में 5-5 फीसदी की गिरावट देखी जा रही है. हालांकि अडानी एंटरप्राइजेज में 0.15 फीसदी की मामूली तेजी देखी जा रही है.

अडानी समूह ने अपने राजस्व ग्रोथ के लक्ष्य को घटा दिया है और इसके साथ ये ग्रुप नए कैपिटल एक्सपेंडीचर की गति को भी धीमा करने जा रहा है. ऐसा अडानी समूह के ऊपर अमेरिका की हिंडनबर्ग रिसर्च की निगेटिव रिपोर्ट आने के कुछ दिनों बाद हुआ है. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक गौतम अडानी के समूह ने अब अगले वित्त वर्ष के लिए 15-20 फीसदी ग्रोथ का लक्ष्य बनाया है जो कि पहले 40 फीसदी पर रखा गया था. इस तरह देखा जाए तो इसको घटाकर करीब आधा कर दिया गया है.

इसी बीच समूह के कैपिटल एक्सपेंडीचर प्लान या केपैक्स प्लान को भी धीमा करने की योजना बनाई गई है. ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि अब समूह अपने धुआंधार एक्सपेंशन पर ध्यान देने के बजाए आर्थिक हालत को मजबूत करने पर ज्यादा फोकस कर रहा है.

अरबपति गौतम अडानी के अडानी समूह के लिए हालिया मुश्किलों का दौर 24 जनवरी 2023 से शुरू हुआ. दरअसल अमेरिका की हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक रिपोर्ट के जरिए अडानी समूह के ऊपर धोखाधड़ी के आरोप लगाए जिसके बाद से अडानी समूह के शेयरों में भारी बिकवाली का दौर शुरू हो गया. तब से अब तक अडानी समूह की कुल कंपनियों के मार्केट कैप में सम्मिलित रूप से 120 अरब डॉलर से ज्यादा की गिरावट आ चुकी है.

हालांकि अडानी समूह ने हिंडनबर्ग समूह की रिपोर्ट को निराधार बताते हुए कहा कि उसमें लगाए हुए आरोप आधारहीन और तथ्यों से परे हैं. समूह ने 413 पन्नों की एक रिपोर्ट भी जारी की जिसमें कंपनियों के कारोबार में जानकारी दी गई और हिंडनबर्ग रिसर्च के रिपोर्ट को गलत और दुर्भावनाओं से प्रेरित बताया गया है.

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