शरद यादव को पार्टी से निकालने के बाद अब घर से निकलवाने पर तुला—जेडीयू

बिहार। उच्चतम न्यायालय ने आज कहा कि जनता दल (एकीकृत) के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव को नयी दिल्ली स्थित सरकारी बंगले में रहने की अनुमति देने के उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर गुरुवार को सुनवाई करेगा। शीर्ष अदालत ने 18 मई को जदयू के राज्य सभा सांसद रामचन्द्र प्रसाद सिंह की याचिका पर शरद यादव को नोटिस जारी किया था। न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अवकाशकालीन पीठ ने आज कहा कि इस याचिका पर कल सुनवाई की जायेगी।

राज्य सभा में जदयू के नेता सिंह ने दिल्ली उच्च न्यायालय के पिछले साल 15 दिसंबर के आदेश को चुनौती दी है। इस आदेश में उच्च न्यायालय ने राज्य सभा के सदस्य के रूप में शरद यादव की अयोग्यता पर अंतरिम रोक लगाने से इंकार कर दिया था और उन्हें अपना वेतन, भत्ते लेने तथा यह याचिका लंबित होने तक सरकारी आवास में रहने की अनुमति प्रदान कर दी थी। उच्च न्यायालय ने शरद यादव द्वारा अपनी अयोग्यता को विभिन्न आधार पर चुनौती देने वाली याचिका पर यह अंतरिम आदेश दिया था।

यादव का कहना था कि राज्य सभा के सभापति ने चार दिसंबर को उनके और एक अन्य सासंद अली अनवर को अयोग्य घोषित करने का फैसला सुनाने से पहले अपना पक्ष रखने के लिये कोई अवसर प्रदान नहीं किया। सिंह ने उच्च न्यायालय में दोनों को अयोग्य करार देने का अनुरोध करते हुये कहा था कि उन्होंने पार्टी के निर्देश का उल्लंघन करते हुये पटना में विपक्षी दलों की सभा में शिरकत की थी। जदयू अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा पिछले साल जुलाई में राजद और कांग्रेस के साथ गठबंधन तोड़कर भाजपा से हाथ मिलाने पर शरद यादव विपक्ष के साथ मिल गये थे।

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