डिप्रेशन की समस्या से निजात पाने के लिए ज्योतिषीय उपाय

यूनिक समय, मथुरा। आजकल की भागदौड़ भरी जीवनशैली और उचित खानपान तथा सेहत का ध्यान ना रख पाने और ग्रहों के बदलती स्थिति के कारण व्यक्ति कई बार डिप्रेशन का शिकार हो जाता है। और उसकी जीवनशैली ठहर सी जाती है। जिसके कारण व्यक्ति का जीवन मृत्यु के समान हो जाता है। लाल किताब में ऐसी ही स्थिति में आने अथवा डिप्रेशन के निकलने के कई उपाय बताए गए हैं। जिनको अपनाने से व्यक्ति डिप्रेशन की समस्या से निजात पा सकता है। तो आइए आप भी जानें लाल किताब के अनुसार डिप्रेशन से बाहर निकलने के उपायों के बारे में।
लाल किताब के अनुसार यदि जातक घबराहट का रोगी हो तो जातक को मूंगा आठ रत्ती का धारण करना चाहिए। इसे धारण करने से आपकी घबराहट दूर हो जाएगी। और जातक अवसाद से बाहर निकल जाएगा।
मूंगा मंगल का रत्न है। इसलिए जातक को साहस प्रदान करता है।
डिप्रेशन से छुटकारा पाने के लिए सबसे उपयोगी योग, आसन और प्राणायाम को माना जाता है। इसलिए अवसाद के रोगी को प्राणयाम, योग और आसन जरुर करना चाहिए।
सुबह के समय सूर्य नमस्कार योग करने से भी डिप्रेशन रोग का अंत होता है।
रोज सुबह सूर्य को जल अर्पित करके सूर्य की रोशनी में 10-15 मिनट खड़े रहने से भी डिप्रेशन दूर होता है। जिन जातकों को या घर के बच्चों को डिप्रशन की बीमारी हो उन्हें अंधेरे से दूर रखना चाहिए।
शाम को प्रतिदिन गायत्री मंत्र की एक माला जपने से भी डिप्रेशन 100 प्रतिशत ठीक हो जाता है। गायत्री मंत्र में बहुत शक्ति होती है इसलिए डिप्रेशन के रोगी को गायत्री मंत्र का जप रोज करना चाहिए।
डिप्रेशन की समस्या दूर करने के लिए गुरु रत्न पुखराज और मंगल का रत्न मूंगा धारण करने से डिप्रेशन रोग दूर हो जाता है।
यदि कुंडली में चंद्रमा कमजोर हो तो चांदी के गिलास में बार-बार पानी पीना चाहिए। और चांदी का एक कड़ा दाहिने हाथ में धारण करना चाहिए। इससे चंद्रमा मजबूत होता है।
केले के अन्दर डिप्रशेन से बचाने वाले तत्व मौजूद रहते हैं इसलिए डिप्रेशन के रोगी को प्रतिदिन केले का सेवन अवश्य करना चाहिए।
डिप्रेशन के रोगी को मोती भूलकर भी नहीं पहनना चाहिए।
डिप्रेशन के रोगी को सोमवार का व्रत रखना चाहिए। और प्रतिदिन शिवलिंग पर जल अर्पित करना चाहिए।
भगवान शिव की पूजा करने से अवसाद के रोगी में विशेष लाभदायक प्रभाव देखने को मिलता है। यदि जातक के माता-पिता नहीं हैं तो जातक को गुरु अवश्य बनाना चाहिए। और गुरू के सानिध्य में अधिक से अधिक रहना चाहिए। इससे डिप्रेशन में लाभ मिलता है।

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