अयोध्या: योगी सरकार ने रामलला मंदिर के पुजारी का बढ़ाया वेतन

अयोध्या. योगी सरकार ने अस्थाई राम मंदिर के प्रधान पुजारी और कर्मियों का भत्ता बढ़ाने का निर्णय लिया है। अयोध्या के मंडलायुक्त मनोज मिश्रा ने मुख्य पुजारी आचार्य सतेंद्र दास इस बात की जानकारी दी। आचार्य सतेंद्र दास हाल ही में भत्ते में बढ़ोत्तरी की मांग को लेकर मंडलायुक्त से मुलाकात भी की थी। अभी प्रधान पुजारी को 12 हजार रुपए मासिक पारिश्रमिक मिलता है। यह कमिश्नर द्वारा दिया जाता है।

विवादित स्थल के रिसीवर व अयोध्या के मंडलायुक्त मनोज मिश्रा ने कहा- रोजाना मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद चढ़ने वाले “प्रसाद’ के लिए वार्षिक भत्ते को उपयुक्त रूप से बढ़ाया जाएगा।

पूजा के लिए 52 हजार रुपए का सालाना फंड
रामनवमी में 9 दिनों तक विशेष पूजा-अर्चना होती है और भोग चढ़ता है। इस सभी के लिए 52 हजार रुपए का सालाना फंड अतिरिक्त मिलता है। इसमें 3600 रुपए तो वस्त्रों की सिलवाई पर खर्च होते हैं। जितना धन रामनवमी के नाम पर मिलता है, उसी में ही राम जन्मोत्सव की व्यवस्था की जाती है। त्योहारों पर रामलला को पीले वस्त्र पहनाए जाते हैं। जिस दिन, जिस रंग का वस्त्र होता है.. उसी रंग का रामलला का बिछौना और पर्दा भी होता है।

मंदिर की व्यवस्था में प्रधान पुजारी के अलावा 8 अन्य सहयोगी
मंदिर की व्यवस्था में 8 अन्य सहयोगी हैं। इनमें 4 सहायक पुजारी और 4 कर्मचारी हैं। सबके वेतन भी अलग-अलग हैं। सहायक पुजारियों को साढ़े सात हजार रुपए मासिक वेतन दिया जा रहा है। कर्मचारियों को छह-छह हजार रुपए का भुगतान हो रहा है। रामलला में हर महीने औसतन 6 लाख रुपए और सालाना 65 लाख रुपए से 85 लाख रुपए का चढ़ावा आता है, लेकिन व्यवस्थाओं पर 93,200 रुपए मासिक खर्च किया जाता है। व्यवस्थाओं की समीक्षा करने के लिए कमेटी बनी है।

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