बाराबंकी हादसा: ओवरलोडिंग बस में चंद पैसे की खातिर खत्म हो गई 19 जिंदगियां, जानवरों की तरह बस में भरे 130 यात्री

बाराबंकी । यूपी के बारांबकी में मगलवार देर रात जिस बस का एक्सीडेंट हुआ उसमें भी जानवरों की तरह लोगों को ठूंस-ठूंसकर भरा गया था। उसकी क्षमता 40-50 वाली थी, लेकिन उसमें 130 यात्री भरे गए थे। जिसके चलते उसका बस का एक्सल टूट गया और यह हादसा हो गया। पढ़िए चश्मदीद की जुबानी पूरी काहनी…

दरअसल, बाराबंकी जिले में अयोध्या-लखनऊ हाईवे पर हादसे में जिन 19 लोगों की मौत हुई उनमें से 6 साथी जिंदा बजे यात्री फौनी साहनी के भी थे। वह तो किसी तरह बच गए, लेकिन अपने दोस्तों को नहीं बचा सके। उन्होंने बताया कि किस तरह यह भीषण हादसा हुआ। फौनी ने बताया कि मंगलवार शाम को वह 19 मजदूरों के साथ अंबाला की तरफ जा रही एक बस में सवार हुए थे। लेकिन रास्ते में इस बस के कंडेक्टर में बस खराब होने का बोलकर दूसरी बस में बैठाने लगे। जबकि हम लोग मना करते रहे।

एक और यात्री भरत कुमार ने बताया कि जिस में बस में हमको बैठाया जा रहा था, वह पहले से ही फुल थी। उमसें एक सीट खाली नहीं थी और कई लोग खड़े हुए थे। लेकिन जबरदस्ती कंडेक्टर और ड्राइवर ने 40-50 लोगों की क्षमता वाली इस बस में 130 यात्री जानवरों की तरह ठूंस-ठूंसकर भर दिए। हम मना करते रहे, लेकिन कोई नहीं सुनी। कहने लगे की बस कुछ देर की बात है, आगे पूरी बस खाली हो जाएगी।

कुछ दूर चलते ही इस डबल डेकर बस का का एक्सल टूट गया। क्योंकि उसमें ओवरलोडिंग जो थी। इसके बाद हमने दूसरे बस से जाने की बात कही, पर कंडेक्टर नहीं माना और कहने लगा कि बस अभी ठीक हो जाएगी। इसके बाद ड्राइवर 15 मिनट और मैकेनिक को बुलाने का बोलकर निकल गया। फिर क्या था कुछ यात्री बस में सो गए तो कुछ सड़क पर ही लेट गए। कुछ देर बाद पीछे से एक ट्रक तेज रफ्तार में आया और टक्कर मारते हुए निकल गया। देखते ही देखते सड़क पर हर तरफ शव बिखर गए थे और हर तरफ चीख-पुकार मच गई। सभी इस भयानक पल में अपनों को खोजते रहे।

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