तेवर दिखाने वालों पर भाजपा सख्‍त, दिनेश कौशिक समेत छह भाजपा से छह साल के लिए बाहर, जानिए वजह

भाजपा ने बागी तेवर दिखाने वाले नेता को बाहर का रास्‍ता दिखा दिया है। विधायक दिनेश कौशिक समेत छह भाजपा से छह साल के लिए बाहर कर दिया है।

 पानीपत। विधानसभा चुनाव होने में अब नौ दिन ही शेष हैं। टिकट नहीं मिलने के बाद बगावत करने वालों से पार्टी को नुकसान न पहुंचे इसके लिए भाजपा ने शुक्रवार को अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए पुंडरी विधायक दिनेश कौशिक, रणधीर गोलन, गुहला से देवेंद्र हंस और पटौदी से नरेंद्र पहाड़ी समेत छह को छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। दिनेश कौशिक और रणधीर दोनों पुंडरी से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।

वहीं गुरुग्राम में पटौदी विधानसभा सीट से टिकट नहीं मिलने से नरेंद्र पहाड़ी नाराज थे और वे भी मैदान में निर्दलीय डट गए। भाजपा अध्यक्ष सुभाष बराला ने इन पर भी कार्रवाई करते हुए दल से बाहर का रास्ता दिखा दिया। दूसरी ओर सिरसा जिले के कालांवाली विधानसभा क्षेत्र से राजेंद्र देसूजोधा और सिरसा विस क्षेत्र से गोकुल सेतिया को पार्टी की ओर से घोषित प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ने पर छह साल के लिए निकाल दिया गया है।

दिनेश कौशिक सहित तीन नेताओं को भाजपा ने किया निष्कासित

विधानसभा चुनाव में भाजपा की टिकट नहीं मिलने पर बागी तेवर दिखाने वाले पार्टी से पूंडरी के निर्वतमान विधायक प्रो. दिनेश कौशिक, 2014 में चुनाव लडऩे वाले रणधीर ङ्क्षसह गोलन व सीवन गांव से देवेंद्र हंस को पार्टी की सदस्यता से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला की ओर से नौ अक्टूबर को पार्टी के संविधान की धारा-25 के भाग-9 के अनुसार कार्रवाई की गई है। दिनेश कौशिक ने पूंडरी से 2014 में निर्दलीय चुनाव लड़ते हुए जीत दर्ज की थी। इसके बाद मनोहर सरकार का समर्थन किया था। इस साल हुए लोकसभा चुनाव में करनाल से भाजपा की टिकट पर दावेदार थे, लेकिन टिकट नहीं मिला। जुलाई माह में कैथल की नई अनाज मंडी में आयोजित रैली में सीएम मनोहर लाल की मौजूदगी में भाजपा ज्वाइन की थी। कौशिक व रणधीर सिंह गोलन पूंडरी हलके से टिकट के दावेदार थे, लेकिन भाजपा ने पार्टी के महामंत्री वेदपाल को इस हलके से उतार दिया। इसके बाद दोनों नेता पार्टी के इस फैसले का विरोध करते हुए निर्दलीय चुनाव लडऩे के लिए मैदान में उतर गए।

30 साल से संघ से जुड़े थे हंस 

गुहला-चीका से आजाद उम्मीदवार देवेंद्र हंस करीब 30 सालों से संघ से जुड़े हुए थे और भाजपा में शामिल थे। इस बार वे गुहला से विधायक का चुनाव लडऩा चाहते थे, लेकिन पार्टी की ओर से रवि तारांवाली को टिकट दे दिया गया। गांव सीवन के लोगों के कहने पर देवेंद्र हंस ने निर्दलीय चुनाव लडऩे का फैसला किया है। अब पार्टी की ओर से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है।

कार्रवाई की गई 

भाजपा जिलाध्यक्ष अशोक गुर्जर ने बताया कि प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला के आदेशानुसार कार्रवाई की गई है। पार्टी का नोटिस तीनों नेताओं को भेज दिया गया है। पार्टी से बगावत करने पर यह कार्रवाई की गई है।

जिला परिषद सदस्य शकुंतला वजीरखेड़ा ने भी छोड़ी भाजपा

जिला परिषद से सदस्य भाजपा नेत्री शकुंतला वजीरखेड़ा ने शुक्रवार के भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया। कलायत हलके से शकुंतला भाजपा की टिकट पर दावेदार थी। बृहस्पतिवार को राजौंद में सीएम मनोहर लाल की चुनावी रैली में भी वजीरखेड़ा मंच पर मौजूद थी, लेकिन सुबह उन्होंने भाजपा छोडऩे की घोषणा कर दी। बालू गांव में कांग्रेस प्रत्याशी जयप्रकाश की रैली में पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की मौजूदगी में उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की।

पुंडरी: इनेलो का निर्दलीय को समर्थन

पूंडरी विधानसभा में इनेलो के प्रत्याशी एडवोकेट ज्ञान सिंह गुर्जर ने निर्दलीय प्रत्याशी रणधीर सिंह को समर्थन कर सबको चौंका दिया। ज्ञान सिंह ने बताया कि अभय चौटाला के निर्देश पर ही उन्होंने रणधीर को समर्थन दिया है।

जीत का मनोहर फॉर्मूला

मुख्यमंत्री मनोहर लाल करनाल विधानसभा सीट से भारी मतों से जीत के प्रति आश्वस्त हैं। प्रदेश में चुनाव प्रचार की कमान थामे सीएम शुक्रवार को करनाल में थे। उन्होंने लोगों के सामने गणित के फॉमरूले के जरिए अपनी जीत का आंकड़ा पेश किया। उन्होंने कहा कि ए स्क्वायर प्लस बी स्क्वायर प्लस एबी = जीत का मार्जिन करीब सवा लाख।

ए स्क्वायर का मतलब पिछले विधानसभा चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे आजाद प्रत्याशी जयप्रकाश गुप्ता को मिले वोट। अब ये भाजपा में शामिल हो चुके हैं।

बी स्क्वायर यानी वर्ष 2014 के चुनाव में तीसरे नंबर पर रहे इनेलो प्रत्याशी मनोज वधवा को मिले वोट। मनोज वधवा भी भाजपा के सिपाही बन चुके हैं।

एबी का अर्थ हाल-फिलहाल में भाजपा में शामिल हुए दूसरे दलों के नेता से है।

मैंने किसी का साथ नहीं छोड़ा: अभय

सिरसा में अभय चौटाला ने पार्टी छोड़ने वालों प्रहार किया। उन्होंने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि मैंने किसी का साथ नहीं छोड़ा। हां, कुछ लोग उनका साथ जरूर छोड़कर चले गए।

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