कोरोना संक्रमण के फैलते ही रेमडेसिविर की कालाबाजारी, दो लाख रूपये तक में मिल रही एक खुराक!

नई दिल्ली। देश के कई राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने के बाद एक बार फिर ऑक्सीजन सिलिंडर और रेमडेसिविर को लेकर मारामारी का दौर शुरू हो गया है। कोविड के इलाज में शामिल रेमडेसिविर इन दिनों तय कीमत से 1000 गुना ज्यादा की कीमत पर बिक रही है।

इतना ही नहीं देश के कई राज्यों मसलन- दिल्ली, महाराष्ट्र, हरियाणा, मध्य प्रदेश समेत अन्य से इसकी कालाबाजारी की शिकायतें भी आ रही है। इसके साथ ही अस्पतालों में ऑक्सीजन की मांग भी बढ़ गई है। लेकिन पर्याप्त आपूर्ति नहीं होने की वजह से यह 40 हजार रुपये तक बिक रहा है।

भारत में सात कंपनियां रेमडेसिविर बना रही
कोरोना संक्रमण के मामले में बढ़ने के साथ ही रेमडेसिविर की मांग भी बढ़ी। हिन्दी अखबार अमर उजाला की एक रिपोर्ट के अनुसार 28 मार्च के बाद से रेमडेसिविर की मांग में 50 गुणा ज्यादा बढ़ गई है। इसके मद्देनजर केंद्र ने दवा कंपनियों को उत्पादन बढ़ाने का निर्देश दियाहै लेकिन मौजूदा हालात यह हैं कि रेमडेसिविर की एक खुराक के लिए व्यक्ति को डेढ़ से दो लाख रुपये तक खर्च करने पड़ रहे हैं।
रिपोर्ट में सरकारी दस्तावेजों के हवाले से बताया गया है कि भारत में सात कंपनियां रेमडेसिविर बना रही हैं। इन कंपनियों की क्षमता है कि यह हर माह 31.60 लाख वॉयल उत्पादन कर सकती हैं। हाल ही में महाराष्ट्र से 42,518 और मध्य प्रदेश से 5,932 शीशियों का आदेश मिल है।

मुंबई में एक शख्स के पास से रेमडेसिविर की 12 शीशियां बरामद
मुंबई में पुलिस ने एक युवक को पकड़ा है और उसके पास से कोरोना वायरस संक्रमण के उपचार में इस्तेमाल होने वाली अहम दवा रेमडेसिविर की 12 शीशियां बरामद की हैं। एक पुलिस अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि अपराध शाखा ने सरफराज हुसैन को गुरुवार शाम को अंधेरी (पूर्व) से पकड़ा और उसके पास से इंजेक्शन बरामद किए।

अधिकारी ने बताया कि अपराध शाखा को सूचना मिली थी कि एक शख्स संक्रमण रोधी दवा को अवैध रूप से बेचने की कोशिश कर रहा है जिसके बाद उसे पकड़ने के लिए जाल बिछाया गया। उन्होंने बताया कि तलाशी के दौरान अपराध शाखा को उसके पास से रेमडेसिविर की कम से कम 12 शीशियां मिली। अभी यह पता नहीं चला है कि वह किसे ये शीशियां बेचने जा रहा था।

महाराष्ट्र में कोविड-19 के मामले बेतहाशा बढ़ने के साथ ही रेमडेसिविर इंजेक्शनों की मांग बढ़ गई है। महाराष्ट्र सरकार ने गुरुवार को रेमडेसिविर की कीमत प्रति शीशी 1,100 से 1,400 रुपये तय की और इसकी जमाखोरी तथा काला बाजारी के खिलाफ चेतावनी दी है।

इंदौर में रेमडेसिविर की भारी किल्लत, दवा दुकानों पर उमड़ी भीड़
मध्य प्रदेश में कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित इंदौर में महामारी के गंभीर मरीजों के इलाज में प्रमुख तौर पर इस्तेमाल होने वाली रेमडेसिविर दवा के इंजेक्शन की भारी किल्लत हो गई है। इसका अंदाजा शहर की एक दवा दुकान के सामने बुधवार को भारी भीड़ उमड़ने के दृश्यों से लगाया जा सकता है जो किसी भी कीमत पर यह इंजेक्शन हासिल करना चाहती थी। चश्मदीदों ने बताया कि शहर के दवा बाजार की इस दुकान के सामने भीड़ इस कदर बढ़ गई कि बेसब्र लोगों के हंगामे से बचने के लिए संचालक को कुछ देर के लिए इस प्रतिष्ठान का दरवाजा तक बंद करना पड़ा. इस वाकये की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल कर दी गई हैं।

अतिरिक्त जिलाधिकारी (एडीएम) अभय बेड़ेकर ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि दवा कम्पनियों द्वारा रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति घटाने से इसकी किल्लत हो रही है। उन्होंने बताया, ‘फिलहाल इंदौर में हर रोज अलग-अलग दवा कम्पनियों के रेमडेसिविर इंजेक्शन की करीब 3,000 शीशियां आ रही हैं, जबकि जिले में इसकी दैनिक मांग 7,000 शीशियों की है. यानी इसकी मांग के मुकाबले आधी आपूर्ति हो पा रही है।

इस बीच, जिलाधिकारी मनीष सिंह ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘महाराष्ट्र और गुजरात में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के फलस्वरूप इंदौर जिले में रेमडेसिविर के साथ ही मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता में भी कमी देखी जा रही है. हम प्रयास कर रहे हैं कि महामारी के खिलाफ जारी जंग में संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता बनी रहे।

गुजरात सरकार रेमडेसिविर के तीन लाख इंजेक्शन की खरीद में जुटी
वहीं गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा है कि राज्य सरकार ने कोविड-19 के गंभीर मरीजों के उपचार के लिए रेमडेसिविर के तीन लाख इंजेक्शन की खरीद का ‘आर्डर’ दिया है. रेमडेसिविर कोविड-19 के विरूद्ध लड़ाई में खासकर गंभीर जटिलताओं वाले व्यस्क मरीजों के उपचार के लिए अहम विषाणु विरोधी दवा मानी जाती है।

उन्होंने कहा, ‘लोग रेमडेसिविर की कमी की शिकायत कर रहे हैं। मेरी सरकार ने गुजरात स्थित एक कंपनी को रेमडेसिविर के तीन लाख इंजेक्शन की आपूर्ति करने को कहा है और कंपनी रोजाना करीब 20000इंजेक्शन देने लगी हैं. अब कोई कमी नहीं होगी।

ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं
रिपोर्ट के अनुसार ऑक्सीजन की राष्ट्रीय समिती के अनुसार देश में कहीं भी ऑक्सीजन की कमी नहीं है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ईमेल के जरिए यह जानकारी दी गई कि अभी भी आठ हजार से अधिक मीट्रिक टन का उत्पादन जारी है। साथ ही सप्लाई के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया जा रहा है।

गौरतलब है कि शुक्रवार को भारत में एक दिन में कोविड-19 के 1,31,968 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की कुल संख्या 1,30,60,542 हो गई। वहीं 780 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 1,67,642 हो गई। इसके साथ ही केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में अभी 9,79,608 लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है और 1,19,13,292 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं।

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