बुलेटप्रुफ सुरक्षा: अमेरिकी प्रेसिडेंट ट्रंप के भारत दौरे से पहले जानिए कैसे होता है घेरा

आमतौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जब किसी देश के दौरे पर जाते हैं तो अपनी खास सुरक्षा भी साथ लेकर चलते हैं. जो उनके पहुंचने से पहले ही उस देश में पहुंच जाती है. भारत में भी जब वो फरवरी के आखिरी हफ्ते में आएंगे तो उनकी सुरक्षा का आलम ऐसा ही होगा

अगर ये सवाल पूछा जाए कि दुनिया में सबसे अधिक और सबसे आधुनिक तौर-तरीकों से किस शख्स की सुरक्षा होती है. तो जवाब होगा – अमेरिकी राष्ट्रपति यानि डोनाल्ड ट्रंप. वो जहां जाते हैं, अपने विशेष सुरक्षा इंतजामों और खास लिमोजिन ‘द बीस्ट’ के साथ जाते हैं. कहा जा सकता है वो 14 वाहन, जो उनके अंदरूनी काफिले का अनिवार्य हिस्सा होते हैं. उनका वाकई कोई मुकाबला नहीं. अपनी इसी सुरक्षा के साथ वह 24-25 फरवरी को भारत का भी दौरा करेंगे.

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ये भी जान लीजिए कि ट्रंप जिस लिमोजिन कार में बैठते हैं, वैसा सुरक्षित वाहन पृथ्वी पर तो किसी के पास नहीं होगा. इसी काफिले में प्रेसीडेंट की ‘न्यूक्लियर फुटबाल’ भी होती है.

ट्रंप जब किसी भी देश में जाते हैं तो वह अपने एयरफोर्स वन 747 बोइंग विमान से जाते हैं. उनके खास विमान को एस्कोर्ट करते हुए कम से कम दो विमान भी होते हैं. इसके अलावा कुछ और विमान भी साथ आते हैं. दुनियाभर में वह इसी तरह जाते हैं.

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साथ आने वाले विमानों में वो वाहन, सैकड़ों सुरक्षाकर्मी, कमांडो, अफसर, डॉक्टर और विशेषज्ञों की टीम, जो उनके सुरक्षा काफिले में साथ चलती है. कई देशों में वो उनके इस लावलश्कर के साथ हेलिकॉप्टर मैरीन वन भी आता है. इस हैलिकॉप्टर की देखरेख अमेरिका की दमदार मैरीन कमांडो टीम करती है लेकिन इसका इस्तेमाल केवल यूएस प्रेसीडेंट ही कर सकते हैं.

कैसा होता है अमेरिकी राष्ट्रपति का सुरक्षा घेरा? 
जब किसी भी देश में ट्रंप का काफिला चलता है तो स्थानीय सुरक्षाकर्मियों के अलावा उनके अपने लोग होते हैं. जो सैकड़ों की संख्या में होते हैं. अंदरूनी सुरक्षा घेरा पूरी तरह अमेरिकी प्रेसीडेंट की सुरक्षा टीम संभालती है तो बाहरी घेरे की सुरक्षा का जिम्मा स्थानीय पुलिस और सुरक्षाकर्मियों का होता है.

हम यहां अंदरूनी सुरक्षा घेरे की बात करते हैं. इस सुरक्षा घेरे में आमतौर पर 14 वाहन जरूर होते हैं. सबसे आगे और अगल बगल नौ ऐसी मोटर बाइक सवार चल रहे होते हैं, जो आधुनिक उपकरणों से लैस होते हैं. किसी भी तरह के संकट से निपटने में सक्षम. आगे का रास्ता क्लियर करने का काम उन्हीं का होता है.

काफिल में कौन-कौन से वाहन होते हैं?

काफिले में सबसे आगे पुलिस की बीएमडब्ल्यू होती है. इसके बाद अमेरिकी एसयूवी और उसके पीछे दो लिमोजिन कारें चल रही होती हैं. उसके ठीक पीछे एक शेवरलेट वाहन. एसयूबी और पहली लिमोजिन में हथियारबंद एजेंट्स, सीक्रेट सर्विस के लोग होते हैं, जो किसी भी अप्रिय स्थिति में मोर्चा संभाल लेते हैं. उनके पास नाइट विजन गॉग्ल्स, ग्रेनेड और तमाम तरह के आधुनिक हथियार होते हैं.

कैसी है डोनाल्ड ट्रंप की बेहद सुरक्षित लिमोजिन ‘द बीस्ट’? 
सुरक्षा घेरे के बीचों बीच चल रही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की लिमोजिन वाकई खास होती है. हर  राष्ट्रपति की कार उनकी आवश्यकता के अनुसार डिजाइन की जाती है. ये वाहन बमप्रूम, केमिकल अटैक और न्यूक्लियर अटैक प्रूफ होते हैं यानि  सुरक्षा के लिहाज एकदम परफेक्ट. इसका हर पार्ट खास होता है और समय पड़ने पर अलग भूमिकाएं निभाता है.

मसलन आगे ड्राइवर की सीट के साथ पूरा कम्युनिकेशन सेंटर भी चल रहा होता है. ये वाहन जीपीएस से लैस होता है. ड्राइवर खुद जाबांज कमांडो होता है, वो ऐसा खास शौफर होता है, जो किसी भी हालत में कार को ड्राइव करने में सक्षम होता है. उसका केबिन कांच से अलग रहता है. पीछे ट्रंप छह या सात लोगों के साथ बैठ सकते हैं लेकिन हर सीट को ग्लास से चैंबर के रूप में अलग कर सकते हैं. इस ग्लास को ऊपर नीचे करने का बटन प्रेसीडेंट के पास होता है.

जिस सीट पर प्रेसीडेंट बैठते हैं, क्या हैं उसकी खासियतें?
जिस सीट पर प्रेसीडेंट बैठते हैं, उसके बगल में सेटेलाइट फोन होता है, जिससे वो सीधे पेंटागन और उप राष्ट्रपति से बात कर सकते हैं. उनके पास पैनिक बटन और ऑक्सीजन सप्लाई बटन भी होता है. राष्ट्रपति की ओर का कार का गेट आठ इंच की मोटी स्टील, एल्यूमिनियम, टिटेनियम और सिरेमिक का बना होता है.

कार की विंडो और आगे की स्क्रीन ग्लास के पांच लेयर्स से बनी होती है. यानि एकदम अभेद्य. हां ये भी जान लीजिए इसमें केवल एक विंडो ही खुलती है, वो भी केवल तीन इंच, ये ड्राइवर की विंडो होती है.

इस खास लिमोजिन की और क्या खासियतें हैं? 
अब इस लिमोजिन कार की कुछ और खासियतों के बारे में जान लीजिए. इसमें जो ईंधन भरा जाता है, उसके साथ स्पेशल फोम भी मिक्स किया जाता है ताकि इसमें कभी एक्सप्लोड ना हो. इसमें फायर फायटिंग, टीयर गैस सिस्टम, मशीन गन चैंबर, नाइट विजन कैमरा और खास टायर होते हैं. अगर कार पंचर हो भी जाएं तो कुछ नहीं बिगड़ने वाला और ना गति पर कोई असर पड़ेगा.
वर्ष 2018 में डोनाल्ड ट्रंप जब राष्ट्रपति बने तो उन्हें खासतौर पर ये लिमोजिन कार डिजाइन करके दी गई. इससे पहले के राष्ट्रपतियों के लिए कैडलक कारों का इस्तेमाल किया जाता था.

अमेरिकी राष्ट्रपति के काफिले में पीछे कौन से वाहन चलते हैं? 
राष्ट्रपति की लिमोजिन के पीछे जो वाहन चल रहे होते हैं. उसमें ठीक पीछे शेवर्ले वाहन में राष्ट्रपति के डॉक्टर, मिलिट्री अफसर होते हैं. इसी वाहन में उस ब्लडग्रुप का ब्लड रखा होता है, जो राष्ट्रपति से ताल्लुक रखता है.

इसके बाद सेटेलाइट कम्युनिकेशन से लैस वाहन, फिर जैमर वाहन, इसके पीछे एक बड़े वाहन में प्रेस और व्हाइट हाउस मीडिया के लोग. दो बड़ी बसें और फिर कुछ वाहन. ये भी जान लीजिए इसी काफिले के एक वाहन में वो फुटबॉल भी होती है, जिसे अमेरिकी प्रेसीडेंट का न्यूक्लियर बटन कहा जाता है. वो हमेशा उनके साथ होता है-चाहे वो देश में हों या फिर विदेश में.

अलग बगल की सुरक्षा परत कैसी होती है?
जब भी अमेरिकी राष्ट्रपति का काफिला कहीं से गुजरता है तो कोशिश की जाती है कि मध्य में चल रहे राष्ट्पति की अंदरूनी सुरक्षा वाले वाहन काफिले के अलग बगल दो लेयर में कम से कम 40 वाहन और बाइक हों ताकि कोई राष्ट्रपति के काफिले के आसपास फटक भी नहीं सके.

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