शनि देव मंदिर के उत्तराधिकारी को लेकर चल रहे विवाद पर लगा विराम

जानकीदास महाराज के नाम पर मुहर
महंत प्रेमदास महाराज ने पुलिस से मांगी सुरक्षा
प्रमुख संवाददाता
कोसीकलां। कोकिलावन स्थित शनिदेव मंदिर के उत्तराधिकारी को लेकर चल रहे विवाद पर विराम लग गया। मंदिर के महंत प्रेमदास महाराज ने अपने शिष्य जानकीदास महाराज के नाम की उत्तराधिकारी की वसीयत लिख दी। इसके बाद उत्तराधिकारी को लेकर जानकीदास और भगवानदास महाराज के बीच चल रहा विवाद का अंत हो गया।


गौरतलब है कि उत्तराधिकारी के विवाद को लेकर कई बार पंचायत भी हुई। विगत दिनों बिना परमीशन पंचायत करने पर पुलिस ने दोनों पक्षों के करीब एक दर्जन लोगों का मुचलका भरवाया। बताया जाता कि मंगलवार मंदिर कमेटी के सदस्य 14 गांवों की गठौनापाल के ग्रामीणों नें महंत प्रेमदास महाराज द्वारा लिए गए निर्णय पर मुहर लगाई। सभी ने जानकीदास को उत्तराधिकारी बनाने की बात कही और थाने में प्रार्थना पत्र दिया। महंत प्रेमदास महाराज ने बताया कि वह भगवानदास को 12 साल पहले वृंदावन में राधाकृष्ण मंदिर के महंत बना चुके हैं। विवाद को लेकर प्रेमदास महाराज ने जानकीदास को उत्तराधिकारी घोषित कर जान माल की सुरक्षा की मांग की है। बताते चलें कि मंदिर को लेकर कई महीनों से विवाद चल रहा था। भगवानदास, महंत प्रेमदास महाराज द्वारा जानकीदास के नाम की गई वसीयत को मानने को तैयार नहीं है। यह बात किसी से छिपी नहीं है कि मंदिर में लाखों रुपये का चढ़ावा आता है। मंदिर की दुकानों से किराए के रुप में सालाना लाखों रुपये आता है। इंस्पेक्टर प्रमोद पवार ने बताया कि महंत प्रेमदास महाराज ने दर्जनों ग्रामीणों के साथ आकर लिखित रूप में तहरीर दी है कि कुछ लोग मुझे परेशान कर रहे हैं। कृपया उनकी जान माल की सुरक्षा की जाए। इस संबंध में चौकी इंचार्ज कोकिलावन योगेश कुमार को निर्देशित किया गया है।

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