कांग्रेस नेता ने हिजाब पहनने से रोकने पर दिया विवादित बयान, एफआईआर

बेंगलुरु, कनार्टक। कर्नाटक से शुरू हुए हिजाब विवाद पर देशभर में बवाल मचा हुआ है। इस बीच कई नेताओं के आपत्तिजनक और साम्प्रदायिक उत्तेजना से भरे बयान सामने आए। ऐसे ही एक मामले में साम्प्रदायिक टिप्पणी करने वाले कलबुर्गी के कांग्रेस नेता मुकर्रम खान के खिलाफ पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है। कांग्रेस नेता का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वो कहते सुने गए कि “जो भी हमारे बच्चों को हिजाब पहनने से रोक रहे हैं, उनके टुकड़े-टुकड़े कर दिए जाएंगे।”

कांग्रेस नेता मुकर्रम खान का यह विवादास्पद वीडियो 17 फरवरी को वायरल हुआ था। इसमें वे कहते सुने गए कि वो कौन से कपड़े पहन रहे हैं? वो भगवा कपड़े पहनकर हिजाब हटाने को बोल रहे हैं? हिजाब पर रोक लगा रहे हैं। बता दें कि मुकर्रम खान कलबुर्गी जिले के सेदम से पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हैं।

मुकर्रम के इस बयान को लेकर हिंदू संगठनों ने रोष जताते हुए प्रदर्शन किया था। वे कलबुर्गी पुलिस स्टेशन के बाहर जमा हो गए थे। पुलिस में मुकर्रम के खिलाफ विश्व हिंदू परिषद(VHP) के जिला सचिव शिवकुमार ने FIR दर्ज कराई है। शिवकुमार ने कहा कि ऐसा बयान वे भी दे सकते हैं, लेकिन अशांति नहीं चाहते।

इससे पहले कर्नाटक कांग्रेस के नेता जमीर अहमद ने भी विवादास्पद बयान दिया था। उन्होंने कहा कि जो महिलाएं हिजाब नहीं पहनतीं, उनका रेप हो जाता है। कांग्रेस नेता ने कहा कि इस्लाम में हिजाब का मतलब पर्दा होता है। कांग्रेस नेता जहीर अहमद ने तर्क दिया कि भारत में रेप की दर सबसे अधिक है। हिजाब लड़कियों की खूबसूरती छुपाने के लिए होता है। जमीर अहमद केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के बयान पर पलटवार कर रहे थे, जिसमें कहा गया कि हिजाब इस्लाम में जरूरी नहीं है। आरिफ मोहम्मद खान (Arif Mohammad Khan) ने शनिवार को कहा कि हिजाब इस्लाम का एक अनिवार्य हिस्सा नहीं है, जैसे कि पगड़ी सिख धर्म के लिए है। इसके आसपास का विवाद एक साजिश का हिस्सा है ताकि मुस्लिम लड़कियों को आगे बढ़ने से रोका जा सके। राज्यपाल ने छात्रों से अपनी कक्षाओं में लौटने और पढ़ाई आगे बढ़ाने का आग्रह किया।

कर्नाटक के राजस्व मंत्र आर. अशोक(R. Ashoka) ने कुछ दिन पहले एक बयान दिया था। इसमें कहा था कि हिजाब विवाद के पीछे कांग्रेस की राजनीति है। उन्होंने कहा सरकार हिजाब या केसरिया के पक्ष में नहीं है। स्टूडेंट्स गलियों में जो चाहें पहनें, लेकिन स्कूलों में ड्रेस कोड अनिवार्य है।

 

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