कांग्रेस नेता ने नई शिक्षा नीति का किया समर्थन, खुशबू सुंदर ने राहुल से माफी मांगते हुए कहा- मैं रोबोट नहीं

खुशबू सुंदर
खुशबू सुंदर

केंद्र सरकार ने बुधवार को नई शिक्षा नीति को मंजूरी दे दी। कई राजनीतिक दलों ने जहां इसका स्वागत किया है वहीं कुछ ने विरोध भी जताया है। इसी बीच फिल्म अभिनेत्री और कांग्रेस नेता खुशबू सुंदर ने मोदी सरकार की नई शिक्षा नीति का स्वागत किया है। उन्होंने पार्टी लाइन से अलग जाने के लिए राहुल गांधी से ट्वीट कर माफी भी मांगी है।

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खुशबू ने शिक्षा नीति को लेकर चार ट्वीट किए। पहले ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘नई शिक्षा नीति 2020 पर मेरे विचार मेरी पार्टी से अलग हैं और मैं इसके लिए राहुल गांधी से माफी मांगती हूं। लेकिन मैं कठपुतली या रोबोट की तरह सिर हिलाने के बजाए तथ्यों पर बात करती हूं। हर चीज पर हम अपने नेता से सहमत नहीं हो सकते हैं लेकिन एक नागरिक के तौर पर बहादुरी से अपनी राय रखने का साहस रख सकते हैं।’

कांग्रेस नेता ने दूसरे ट्वीट में कहा, ‘राजनीति महज शोर मचाने के लिए नहीं है, इसके बारे में मिलकर साथ काम करना है और भाजपा, पीएमओ को इसे समझना होगा। बतौर विपक्ष, हम इस पर विस्तार से देखेंगे और खामियों को भी बताएंगे। भारत सरकार को नई शिक्षा नीति से जुड़ी खामियों को लेकर हर किसी को विश्वास में लेना चाहिए।’

खुशबू ने कहा कि वे सकारात्मक पहलू को देखना पसंद करती हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं सकारात्मक पहलुओं को देखना पसंद करती हूं और नकारात्मक चीजों पर काम करती हूं। हमें समस्याओं के समाधान की पेशकश करनी है न कि केवल आवाजें बुलंद करनी हैं। विपक्ष का मतलब देश के भविष्य के लिए काम करना भी है। मैं अटल जी की जिंदगी से एक अंश लेना चाहूंगी।’

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उन्होंने आगे कहा कि मैं भाजपा में शामिल नहीं हो रही हूं। सुंदर ने कहा, ‘संघ से जुड़े लोग आराम कर सकते हैं, लेकिन उन्हें आनन्दित नहीं होना चाहिए। मैं भाजपा में नहीं जा रही हूं। मेरी राय मेरी पार्टी से अलग हो सकती है, लेकिन मैं खुद की सोच वाली एक व्यक्ति हूं। हां, नई शिक्षा नीति में कुछ जगहों पर खामियां है लेकिन मुझे अभी भी लगता है कि हम सकारात्मकता के साथ बदलाव को देख सकते हैं।’

बता दें कि केंद्र सरकार ने 29 जुलाई को 35 साल बाद नई शिक्षा नीति पर मुहर लगाई है। लगभग दो लाख सुझाव मिलने के बाद नई शिक्षा नीति को तैयार किया गया है। इसके तहत अब 10+2 को अलग-अलग फॉर्मेट में 5+3+3+4 के फॉर्मेट में बदल दिया गया है। सभी संस्थानों के लिए प्रवेश परीक्षा होगी। इसके अलावा क्षेत्रीय भाषाओं में भी ऑनलाइन कोर्स होंगे।

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