गाजियाबाद। कई हिंदूवादी संगठनों और पीएफए के हंगामे से सहमा ठेकेदार बंदर पकड़ने का काम छोड़कर मथुरा चला गया है। उसने कहा है कि अब सुरक्षा की गारंटी मिलने के बाद ही काम शुरू करेगा।
नगर निगम प्रशासन ने हाल ही में मथुरा निवासी बिलाल को बंदर पकड़ने का ठेका दिया था। उसने 69 बंदरों को पकड़कर मेरठ रोड स्थित निगम के एक कम्युनिटी सेंटर में एक ही पिंजरे में रखा था। इनमें से चार बंदर आपस में लड़कर घायल हो गए, जिन्हें पीएफए के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं, तीन बंदरों की मौत की भी सूचना आ रही थी। इसे लेकर मंगलवार को जमकर हंगामा हुआ था। प्रशासन ने किसी तरह मामला संभाला और 65 बंदरों को तुरंत बिजनौर के वन्य क्षेत्र में छोड़ दिया गया। बुधवार को भी बंदर पकड़े जाने थे, लेकिन एक दिन पहले के घटनाक्रम से डरा ठेकेदार निगम को लिखित सूचना दिए बिना मथुरा चला गया। कार्यवाहक स्वास्थ्य अधिकारी वी.पी. शर्मा ने बताया कि ठेकेदार ने सुरक्षा की गारंटी मांगी है। ऐसे में अब निगम अफसर भी नहीं बता पा रहे हैं कि अब फिर कब से बंदर पकड़े जाएंगे।
निगम ने बनाई कमिटी
नगर आयुक्त सी.पी. सिंह ने अपर नगर आयुक्त राजनारायण पांडेय की अध्यक्षता में एक कमिटी बनाई गई है। इसमें पशु चिकित्सा विभाग के एक डॉक्टर, वन विभाग के एक कर्मचारी और पीएफए से एक सदस्य होंगे। यह समिति बंदर पकड़ने के तरीके, उनके खाने-पीने की व्यवस्था पर नजर रखेगी।
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