कोरोनाकाल: रेमडेसिविर इंजेक्शन कोई संजीवनी बूटी नहीं है, डॉक्टर ने बताया, इससे मरीज को क्या—क्या फायदा होता है!

नई दिल्ली। कोरोना महामारी में रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग बहुत तेजी से बढ़ी है, लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि ये संजीवनी बूटी नहीं है। सर गंगा राम हॉस्पिटल के चेयरपर्सन डॉक्टर डीएस राना ने कहा, मरीजों को 7 दिन के अंदर रेमडेसिविर इंजेक्शन देना चाहिए। हालांकि, उन्होंने जोर देकर कहा कि COVID रोगियों को रेमडेसिविर इंजेक्शन देना अनिवार्य नहीं है।

डॉक्टर राणा ने कहा रेमडेसिविर इंजेक्शन केवल बीमारी की गंभीरता को कम करता है और जल्दी ठीक होकर मरीज हॉस्पिटल से घर जा सकता है। उन्होंने कहा, COVID-19 के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन संजीवनी बूटी नहीं है।

7-8 दिन के अंदर दे दें रेमडेसिविर इंजेक्शन
रेमडेसिविर इंजेक्शन सात से आठ दिनों के भीतर दिया जाना चाहिए। इसके बाद इसका कोई मतलब नहीं है। हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की सप्लाई पर उन्होंने कहा, हॉस्पिटल में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन है। स्थिति पहले से काफी बेहतर है। हालांकि, लगातार ऑक्सीजन की जरूरत बनी हुई है। अगर लोगों का ऑक्सीजन सेचुरेशन 90 से 94 के बीच है तो घबराने की जरूरत नहीं है।

भारत में कोरोना की स्थिति क्या है?
भारत में पिछले 24 घंटे में COVID-19 के 386452 नए मामले आने के बाद कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या 18762976 हुई। 3498 नई मौतों के बाद कुल मौतों की संख्या 208330 हो गई है।

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