यमुना में डुबकी लगाने वालों की भीड़ नजर नहीं आई, कोरोना का साया गंगा दशहरा पर

यूनिक समय, मथुरा। मथुरा, वृंदावन, शेरगढ़ में गंगा दशहरा पर्व पर आज सुबह कोरोना के साये में श्रद्धालुओं ने यमुना में डुबकी लगाई। सभी जगह कोरोना का खौफ साफ नजर आया। पहले की तरह भीड़ नजर नहीं आई। मान्यता के अनुसार गंगा, यमुना समेत अन्य नदियों में डुबकी लगाने से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है । मथुरा में तो यमुना का और अधिक महत्व है। भगवान श्री कृष्ण की पटरानी यमुना महारानी है। शनिवार और रविवार को साप्ताहिक अवकाश होने के कारण बाजार और कार्यालय बंद थे, फिर यमुना में डुबकी लगाने वालों में उत्साह नजर नहीं आया। दो साल पहले जितने श्रद्धालु गंगा दशहरा पर यमुना में डुबकी लगाने आते थे, उससे बहुत कहीं कम श्रद्धालु आए। मंदिरों के पट बंद होने से श्रद्धालुओं ने यमुना महारानी और भगवान भास्कर को अध्र्य देकर पूजा अर्चना की। हालांकि कई संस्थाओं ने शर्बत की प्याऊ लगाई।

गंगा दशहरा पर लोगों को शर्बत पिलाया
यूनिक समय, मथुरा। श्री माथुर चतुर्वेद परिषद ने गंगा दशहरा पर्व पर कैंप लगाकर लोगों की सहायता की। प्याऊ लगाकर लोगों को शरबत पिलाया। श्री माथुर चतुर्वेद परिषद के मुख्य संरक्षक महेश पाठक ने वर्चुअल संबोधन मे सभी पदाधिकारियों को लोगों की सेवा करने के लिए प्रेरित किया। परिषद के अध्यक्ष राकेश चतुर्वेदी ने स्वयं सेवकों की सराहना की। परिषद के महामंत्री राकेश तिवारी एडवोकेट ने लोगों को कोरोना की गाइडलाइन के प्रति सचेत किया।
इस अवसर उपाध्यक्ष मनोज पाठक,संजय एल्पाइन,योगेंद्र चतुर्वेदी,कमल चतुर्वेदी,संजीव चतुर्वेदी एडवोकेट, राजकुमार कप्पू, अनिल चतुर्वेदी (पम पम), नीरज चतुर्वेदी, आशीष चतुर्वेदी अमित बौहरे उपस्थित थे।

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