दिल्ली पुलिस ने दीपक दहिया और साइबर क्राइम यूनिट के खली का किया प्रमोशन!

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस में हेड कॉन्स्टेबल दीपक दहिया को आउट ऑफ टर्न प्रमोशन देकर एएसआई बना दिया गया है। लाल किला हिंसा मामले में आरोपी दीप सिधु को गिरफ्तार करने वाली टीम का सदस्य रहे दीपक दहिया को ये विशेष इनाम प्रदान किया गया है। साल 2020 के दौरान नार्थ ईस्ट दिल्ली में दंगा के वक्त एक तस्वीर और वीडियो की चर्चा पूरे देश में हुई थी। दरअसल, पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में ट्रेनिंग के दौरान ही जफराबाद इलाके में हुई हिंसा के मद्देनजर दीपक दहिया की अचानक तैनाती कर दी गई थीं जिसमें एक दंगाई से आमना सामना होने के दौरान दिल्ली पुलिस में हेड कांस्टेबल दीपक दहिया ने मौत के सामने अपना सीना चौड़ा करके खड़ा हो गया था।
हरियाणा मूल के रहने वाले दीपक दहिया के चेहरे पर शाहरुख नाम के एक आरोपी दंगाई ने पिस्टल तान दिया था, उसके बावजूद उसने अपना हिम्मत नहीं खोया और उस दंगाई को भागने पर मजबूर कर दिया था। दीपक दहिया से उस वक्त सबसे पहले एक न्यूज चैनल टीम ने ही उसका इंटरव्यू किया था। उसी दीपक दहिया का नाम OTP के लिए स्पेशल सेल के डीसीपी संजीव कुमार यादव और ACP संजय दत्त द्वारा प्रस्तावित किया गया, जिसके बाद उसके नाम पर कमिश्नर के दफ्तर द्वारा अंतिम मोहर लगा दी गई। दीपक फिलहाल जनकपुरी इलाके में स्थित स्पेशल सेल में तैनात है। अब वो हेड कॉन्स्टेबल से ASI बन गया है।

इन्हें प्यार से बुलाते हैं ‘महाबली खली’
फिल्मी अंदाज में अपने पैर से दरवाजा तक तोड़ने में और अपराधी को पकड़ने में माहिर हेड कॉन्स्टेबल सिद्धार्थ चिल्लर अब हेड कॉन्स्टेबल से ASI बन चुके हैं। जिसे साइबर अपराधियों के बीच दबंग “सिद्धार्थ और द्वारका स्थित नेशनल साइबर क्राइम यूनिट में उसके साथी प्यार से “खली भाई” तो कोई “हॉलीवुड एक्टर अर्नोल्ड “सहित कई अन्य नामों से बुलाते हैं। पिछले दो से ढाई सालों के दौरान करीब 40 मामलों की तफ़्तीश के दौरान इस बहादुर जवान सिद्धार्थ चिल्लर ने कई बार अपनी टीम को मुश्किलों से बचाया है और साइबर अपराधी को गिरफ्तार किया है। अपनी ताकत और सूझबूझ से कई ऑपरेशन को अंजाम देने में सफल रहा है।

27 घंटे तक ऑपरेशन
पिछले साल 10 नवंबर को करीब 27 घन्टे की लगातार फील्ड ऑपरेशन करते हुए 6 ऐसे खूंखार मेवाती सायबर अपराधियों को गिरफ्तार करने में सफल हुआ, जो साइबर अपराधी किसी भी शख्स या पुलिसकर्मियों पर गोली चलाने में सोचता नहीं था। उसमें से शेज़द , सलीम जैसे साइबर क्राइम को अंजाम देने वाले ऐसा आरोपी गैंग लीडर जो अपने आप को साइबर क्राइम का बादशाह कहलाता था, राजस्थान, यूपी, उत्तर प्रदेश से लेकर राजधानी दिल्ली में कई दर्जन लोगों को अपना शिकार बना चुका था. उसको पकड़ने में इसकी भूमिका काफी महत्वपूर्ण रही थी।

हालांकि इस ऑपरेशन में सिद्धार्थ का पैर भी टूट गया था, लेकिन उसकी काबलियत और साहस को देखते हुए साइबर क्राइम यूनिट के डीसीपी अनयेश राय और एसीपी आदित्य ने सिद्धार्थ के नाम को ओटीपी के लिए प्रस्तावित किया था। इसके अलावा डीसीपी द्वारा पिछले साल पाकिस्तान से लेकर बिहार तक फैले “कौन बनेगा करोड़पति “के तर्ज पर एक नए फर्जीवाड़ा करने वाली पाकिस्तानी साइबर क्राइम अपराधियों को पकड़ने वाली टीम का ये हिस्सा रह चुके हैं।

दिल्ली पुलिस कमिश्नर का ऐतिहासिक कदम
दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने एक फैसला लेते हुए 68 ऐसे बहादुर दिल्ली पुलिस के जवानों को OTP यानी आउट टर्न प्रमोशन देने का फैसला किया, जिन्होंने पिछले कुछ समय के दौरान बहुत ही शानदार और सराहनीय कार्यों को अंजाम दिया। इस 68 जवानों की फेहरिस्त में 48 जवान दिल्ली पुलिस अंतर्गत स्पेशल सेल में कार्यरत हैं। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम दिल्ली -एनसीआर में आतंकी गतिविधियों, संदिग्ध लोगों पर नजर रखने के साथ -साथ उग्रवादियों, अंडरवर्ल्ड डॉन , अंतर्राज्यीय गैंगस्टर , जैसे असामाजिक तत्वों पर नजर रखने से लेकर उसके खिलाफ कार्रवाई करने में बेहद तेज-तर्रार माने जाते हैं।

पिछले कुछ समय के दौरान किसान आंदोलन की आड़ में देश विरोधी साजिश रचने वाले खालिस्तानी आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई से लेकर आतंकी संगठन ISIS ,लश्कर-ए-तैयबा , सहित अन्य आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने में स्पेशल सेल की तारीफ देश के अन्य राज्यों की पुलिस अधिकारी और देश की सबसे बड़ी खुफिया एजेंसी आईबी (IB ) भी करती है. शायद इसी का तकाजा है कि आईबी कई महत्वपूर्ण इनपुट के साथ जब उसे किसी बड़े ऑपरेशन को अंजाम देना होता है तो स्पेशल सेल को सबसे पहले प्राथमिकता देती है।

दिल्ली पुलिस का ” बैकबोन” को सम्मानित करने का लिया फैसला
दिल्ली पुलिस कमिश्नर एस एन श्रीवास्तव खुद कुछ साल पहले CRPF में डेपुटेशन पर जाने से पहले वो स्पेशल सेल के स्पेशल कमिश्नर रह चुके हैं. उनके कार्यकाल में बहुत सारे आतंकियों के खिलाफ स्पेशल सेल की टीम ने बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया था. शायद इसी वजह से स्पेशल सेल और क्राइम ब्रांच के साहसिक कार्यों को ध्यान में रखते हुए उन जवानों को समय से पूर्व प्रमोशन देकर सम्मानित किया. OTP पाने वाले ज्यादातर दिल्ली पुलिस के जवान कॉन्स्टेबल, हेड कॉन्स्टेबल , एएसआई (ASI) और सब इंस्पेक्टर (SI ) हैं, जिसे दिल्ली पुलिस का बैकबोन (backbone of police) कहा जाता है। क्योंकि ये जवान ही ज्यादातर वक्त सारे ऑपरेशन में और फील्ड में रहते हैं और अपराधियों को पकड़ने के लिए नेटवर्क बनाते हैं। इसलिए पूरे दिल्ली पुलिस और उनके परिजनों के बीच दिल्ली पुलिस कमिश्नर के इस कार्य की बेहद तारीफ हो रही है।

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