वैक्सीन की भारी मांग के बावजूद भी किस तरह कूड़े में फेंके जा रहे वैक्सीन डोज!

नई दिल्ली। दुनिया भर में हर साल जितने टीके जारी किए जाते हैं, उनमें से 50 फीसदी कूड़े के ढेर में चले जाते हैं।’ यह आंकड़ा देते हुए 15 साल पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसके पीछे सप्लाई चेन की कमज़ोरियों को सबसे बड़ा कारण बताया था। अब भी,के खिलाफ टीकाकरण की शुरूआत हुए करीब एक महीना हो चुका है और अमेरिका के आंकड़े व समाचार हैरान करने वाले हैं। चुनावी भाषणों में अमेरिका में 2 करोड़ लोगों को 2020 के अंत तक टीके लगाए जाने के ट्रंप के दावे किस कदर नाकाम हुए हैं, आंकड़े हकीकत बताते हैं।

अमेरिका के केंद्रीय रोग नियंत्रण केंद्र यानी CDC के ट्रैकर के मुताबिक बताया गया कि बीती 14 जनवरी तक अमेरिका में 3 करोड़ से ज़्यादा टीके जारी किए जा चुके थे, लेकिन तकरीबन 1.1 करोड़ लोगों को ही वैक्सीन मिल सके। आपको पता है कि अमेरिका में कुल केसों की संख्या करीब 2.4 करोड़ तक पहुंचकर दुनिया में सबसे ज़्यादा है. यानी कुल केसों की आधी संख्या तक भी अब तक वैक्सीन नहीं पहुंची है।

कैसे हो रही है बर्बादी?
ब्राउन यूनिवर्सिटी स्कूल के डॉ. आशीष झा ने​ ट्विटर पर एक कहानी साझा करते हुए बताया कि ऐसे कई केस हैं, जहां वैक्सीनों को कचरे में फेंकने की नौबत आ चुकी है। झा ने कहा कि वो कई डॉक्टरों से ऐसी बातें सुन रहे हैं कि हज़ारों नहीं, तो सैकड़ों वैक्सीन डोज़ तो रोज़ाना फेंके जा रहे हैं। जबकि वैक्सीन डोज़ों की मांग और ज़रूरत लगातार बनी हुई है, ऐसे में यह बर्बादी व्यवस्था को कठघरे में तो खड़ा करती ही है। दर्जनों डोज़ तो इस वजह से बर्बाद हो गए क्योंकि जहां भेजे गए थे, उन अस्पतालों में उतने कर्मचारी ही नहीं थे।

कूड़े में फेंके जाने के अलावा, दूसरी अव्यवस्था यह है कि वैक्सीन डोज़ तालों में बंद पड़े हैं और ज़रूरतमंदों तक पहुंच ही नहीं रहे। कैलिफोर्निया से आई एक खबर की मानें तो सैंटा क्लारा कोल्ड स्टोर से जब 1 लाख डोज़ की मांग की गई, तो सिर्फ 6000 डोज़ जारी किए गए! आंकड़ा यह भी है कि कैलिफोर्निया में टीकाकरण की दर अमेरिका में सबसे खराब है। यहां करीब 31 लाख डोज़ भेजे गए थे, जिनमें से सिर्फ 38% ही अब तक लगाए गए। यानी यहां करीब 20 लाख डोज़ स्टोर में बंद पड़े हैं!

किस वजह से हो रही है बर्बादी?
कैलिफोर्निया में अव्यवस्था का सबसे बड़ा कारण सप्लाई चेन बताया गया है। सैन फ्रांसिस्को के मेयर ने कहा कि वैक्सीनों पर कुंडली मारकर बैठने के आरोप गलत हैं। ‘लोकेशन की समस्या नहीं है, सप्लाई में गड़बड़ियां हैं।’ वैक्सीनों के इस्तेमाल न हो पाने की कहानी सिर्फ कैलिफोर्निया नहीं बल्कि कमोबेश कई राज्यों की है. इसी तरह, पूरे अमेरिका में वैक्सीनों को डस्टबिन में फेंके जाने की नौबत भी तमाम हिस्सों में है।

डॉ. झा के मुताबिक नियम कायदे और गाइडलाइनें इतना कन्फ्यूज़ और परेशान कर रही हैं कि वैक्सीनें बर्बाद हो रही हैं। फीनबर्ग मेडिसिन स्कूल की डॉ. सादिया खान के हवाले से एक रिपोर्ट में कहा गया कि 50% वैक्सीनों के कचरे में जाने का आंकड़ा नहीं है। हालांकि सही आंकड़ा अभी पता भी नहीं है, लेकिन जितने डोज़ बर्बाद हो रहे हैं, वो मामूली आंकड़ा नहीं है। सप्लाई और प्लानिंग को और बेहतर करना ही होगा। स्थिति यह हो गई कि लोग इंतज़ार में हैं और वैक्सीन या तो उपलब्ध नहीं है या वेस्ट हो चुकी है। कुल मिलाकर पूरा वैक्सीनेशन कार्यक्रम खराब प्लानिंग और लचर सिस्टम की भेंट चढ़ चुका है।

आखिर बर्बाद हो ही क्यों रही है वैक्सीन?
सवाल यह है कि अगर इस्तेमाल होने की स्थिति नहीं आ रही तो वैक्सीन डोज़ को स्टोर क्यों नहीं किया जा पा रहा? क्यों उन्हें कचरे में फेंका जा रहा है? वजह यह है कि कोविड 19 वैक्सीन की स्टोरेज उम्र ज़्यादा नहीं है. जैसे ही इसे इस्तेमाल के लिए एक बार जारी कर दिया जाता है, उसके बाद इसे ज़्यादा समय तक स्टोर नहीं किया जा सकता क्योंकि माइनस बेहद कम तापमान पर कोल्ड स्टोरेज इस वैक्सीन के लिए ज़रूरी है.

चूंकि केंद्र और राज्यों के बीच व्यवस्था को लेकर भारी गड़बड़ और समस्याएं बनी हुई हैं इसलिए सप्लाई चेन और स्टोरेज संबंधी मुश्किलें खड़ी हो रही हैं. गाइडलाइनों के चलते निर्देश व आदेश समय से नहीं मिल पा रहे और जारी कर दी गई वैक्सीन इस्तेमाल के लायक रह ही नहीं पा रही. यह भी बताया गया है कि कई जगह वैक्सीन बर्बाद होने की बातें रिपोर्ट भी नहीं की जा रहीं ताकि निगेटिव पब्लिसिटी न हो.

लेकिन, छुपा कुछ भी नहीं है. लॉ​स एंजिल्स में इस्तेमाल न हो सकी वैक्सीनों को फेंकने से मना कर दिया गया है. बीते सोमवार की एक रिपोर्ट की मानें तो अमेरिका में जारी क गई 67 लाख वैक्सीनों में से 70% का इस्तेमाल हो ही नहीं सका था.

बाइडन के सामने बड़ी चुनौती
नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन प्रशासन के सामने सबसे बड़ी शुरूआती चुनौती बुरी तरह लड़खड़ा चुके वैक्सीनेशन कार्यक्रम को संभालना ही होगी. इस टूटे हुए सिस्टम को दुरुस्त करने का संकल्प ज़ाहिर करते हुए बाइडन ने कहा भी कि उनके कार्यकाल के पहले 100 दिनों के भीतर 10 करोड़ अमेरिकियों को टीका दिलाया जाएगा. यह दावा कितना कारगर होगा, आने वाला वक्त बताएगा, फिलहाल तो खबरें ये भी हैं कि ट्रंप प्रशासन ने वैक्सीनों के जिस भंडार का दावा किया, वो भंडार है ही नहीं!

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