श्रीगिरिराज महाराज का पंचरत्नम महाभिषेक कर निहाल हुए भक्त

गोवर्धन (मथुरा)। गिरि तहलटी का गिरवर कुंज जहां गिरिराज धरन की जय जयकार से गूंजता रहा वहीं यमुना, गंगा, गोदावरी, ब्रह्मपुत्र, चिनार, कृष्ण, अलखनंदा के पवित्र जल, दूध, दही, शहद व जड़ी बूटियों के पंचामृत से श्री गिरिराज महाराज का दिव्य पंचरत्नम महाभिषेक सम्पन्न हुआ। ग्वाल और सखी रूप बने श्रद्धालुओं ने भक्ति भाव से अभिषेक कर आरती की।

छप्पन भोग उत्सव की पूर्व संध्या पर वैदिक मंत्रोच्चारण के मध्य आचार्य कामेश्वर नाथ चतुर्वेदी ने महाभिषेक सम्पन्न कराया। इन्द्र के मानमार्दन के उपरांत ब्रजवासियों ने जैसे श्री गिर्राज महाराज को छप्पन भोग लगाया उसी भाव को साकार करने के उद्देश्य से श्रीगिरिराज सेवा समिति परिवार द्वारा यह उत्सव का आयोजन किया गया।

समिति परिवार सदस्यों द्वारा महाभिषेक कर भगवान श्रीगिर्राज महाराज को छप्पन भोग का न्यौता दिया है। इससे पहले समिति के संस्थापक मुरारी अग्रवाल ने पंचामृत अभिषेक कर कलश पूजा की। अध्यक्ष दीनानाथ अग्रवाल, महामंत्री अशोक कुमार आढ़ती, नीरज गोयल, मुख्य संयोजक राघवेंद्र गर्ग, दिनेश सादाबाद, राजेन्द्र सर्राफ, भगवानदास खण्डेलवाल, कन्नू सर्राफ, हरीश गिलट, मुरारी सरन सर्राफ, संजय जिंदल, महावीर अग्रवाल, राकेश गर्ग, हरीश गिलट, विनय अग्रवाल, अंशुल शोरा, संजय चौधरी तथा  अंकित बंसल आदि ने गिर्राज महाराज का अभिषेक किया।

ब्रज का अलौकिक छप्पन भोग कल

मथुरा। नौ सितम्बर अनंत चतुर्दशी को ब्रज के प्रमुख मेला श्री गोवर्धन की गिरि तलहटी में होने में होने वाले छप्पन भोग के लिए गोवर्धन की गिरि परिक्रमा हरियाली की हरिप्रियतमा और रंगबिरंगी रोशनी से नहा उठी है इस बार गिरिराज सप्त रत्नों से सजे चाँदी के शेषावतार स्वरूप महल में विराज कर दर्शन देंगे।
शुद्ध गाय के घी से बने 21 हजार किलो प्रसाद से सजने वाले छप्पन भोग में सोने के वर्क के व्यंजन भी शामिल हैं। गिरिराज प्रभु का श्रृंगार राजाधिराज रूप में पंडित शरद मुखिया करेंगे। असली हीरे मोती, नीलम, पन्ना, पुखराज, गोमिद जैसे नवरत्नों से श्रृंगार होगा  प्रभू हीरा जड़ित बाँसुरी धारण करेंगे। स्थान-स्थान पर शास्त्रीय संगीत की स्वर-लहरियों से गायन होगा। गिरिराज सेवा समिति के संस्थापक मुरारी अग्रवाल ने भक्तों को दुर्लभ दर्शनों के लिए आमंत्रित किया है।

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