डीएफओ व वन विभाग रेंजर ने यमुना मिशन मार्ग का किया निरीक्षण

-कविता प्रकृति के बिना संभव नहीं
-चंद सांसें भी सुकून से लेने को तरसने लगा है इंसान:पं. अनिल शर्मा
मथुरा। यमुना मिशन मार्ग पर पर्यावरण हित में वृक्षारोपण कार्यक्रम प्रतिदिन आयोजित होता रहता है। पर्यवरण को दृष्टिगत रखते हुए प्रतिदिन वृक्षारोपण की मुहिम तेजी से विकसित होती जा रही है। यमुना मिशन की पर्यावरण मुहिम ने लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरुक भी किया है। उनका यह उद्देश्य है कि ज्यादा से ज्यादा लोग प्रकृति के बारे में जानें और पर्यावरण हित में कदम बढ़ाएं। पर्यावरण हित में किए जा रहे कार्यों में शासन-प्रशासन का भरपूर सहयोग मिल रहा है।
22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस, गंगा सप्तमी एवं हरितमय अभियान को दृष्टिगत रखते हुए गुरुवार को यमुना मिशन मार्ग पर डीएफओ अरविन्द कुमार, वन विभाग रेंजर एम.के. मीणा ने पृथ्वी दिवस की तैयारियों व यमुना मिशन मार्ग का निरीक्षण कर वहां चल रहे कार्यों का बारीकी से अवलोकन किया। वृक्षारोपण कार्यक्रम के प्रेरणा स्रोत्र यमुना मिशन के संस्थापक प्रदीप बंसल की भूरि-भूरि प्रशंसा की।
शासन-प्रशासन ने यमुना मिशन संयोजक प्रदीप बंसल की सोच एवं टैक्नोलॉजी को सराहाते हुए कहा कि विश्व में बंसल जी पहले इंसान हैं जिन्होंने इतने बड़े पर्यावरण हितैषी कार्य को बखूबी अंजाम दिया। वृक्षारोपण कार्यक्रम में डीएफओ अरविन्द कुमार व वन विभाग रेंजर एम.के.मीणा ने कहा कि प्रकृति और मनुष्य का संबंध पुराना है। पर्यावरण और जीवन की अभिन्नता से सभी परिचित हैं। पर्यावरण की स्वच्छता, निर्मलता और संतुलन से ही संसार को बचाया जा सकता है। कोई भी कविता प्रकृति के बिना संभव नहीं है। प्राचीन साहित्य में कवियों की कविताओं में प्रकृति भरी पड़ी है।
यमुना मिशन संयोजक श्री शर्मा ने कहा कि जैसे-जैसे विकास की रफ्तार बढ़ रही है, जीवनयापन भी कठिन होता जा रहा है, लेकिन शरीर से नित नयी व्याधियां जन्म ले रही हैं। आश्चर्य कि बात तो यह है कि पुराने समय में जब सुबह से शाम तक लोग प्रत्येक काम अपने हाथों से करते थे, तब वातावरण कुछ और था, पर्यावरण संरक्षित था। इसी को हमें ध्यान में रखना होगा। उन्होंने कहा कि प्रदूषण की मात्रा इतनी अधिक बढ़ती जा रही है कि इंसान चंद सांसें भी सुकून से लेने को तरसने लगा है। यदि हम अभी नहीं सफलें तो वक्त तेजी से निकल जाएगा और हम कुछ नहीं कर पाएंगे।
यमुना मिशन बॉलियन्टर मुकेश ठाकुर ने कहा कि पृथ्वी का अस्तित्व बचाने के लिए जल तथा पर्यावरण प्रदूषण को हर तरह से रोकना होगा। नहीं तो लोगों के सामने इसका भयावह परिणाम आ सकता है।
इस अवसर पर यमुना मिशन के संयोजक पं. अनिल शर्मा,  हरीश शर्मा, मुकेश ठाकुर, दाऊदयाल शर्मा, देवेन्द्र शर्मा, देवेश चौधरी, मोनू पंडित, राजीव शर्मा, गोपाल लाल, मनीष सक्सैना, हरीमोहन, लखन लाल सैनी, जगमोहन शर्मा, गोविन्द ठाकुर, सतीश ठाकुर, गीतेश शर्मा, दिनेश शर्मा, गोपाल, मौनू सैनी, ठा.मानपाल सिंह. राजू, भीम आदि उपस्थित थे।
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