बरसाना के सीमा विस्तार से 10 गांवों की प्रधानी पर संकट, नगर विकास विभाग ने मांगी सात दिन में आपत्तियां

वरिष्ठ संवाददाता
यूनिक समय, मथुरा। प्रदेश के नगर विकास विभाग ने नगर पंचायत बरसाना के सीमा विस्तार में 10 गांव पंचायतों को शामिल कर लिया है। इसकी संभावना यूनिक समय ने 6 सितम्बर को प्रकाशित करके जता दी थी। इसका आदेश आज जिला प्रशासन को प्राप्त हो गया। सीमा विस्तार में शामिल किए गए गांवों पर नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने सात दिन में आपत्तियां मांगी हंै। शासन के इस निर्णय से 10 गांवों के प्रधानों की प्रधानी पर अब संकट के बादल छा गए हैं।

प्रदेश के गन्ना विकास एवं चीनी मिल मंत्री एवं स्थानीय विधायक चौ. लक्ष्मीनारायण सिंह का प्रयास था कि ब्रज के प्रमुख तीर्थस्थल एवं राधारानी की नगरी बरसाना को नगर पालिका का दर्जा इसी वर्ष मिल जाए। उनके अनुरोध पर शासन ने सीमा विस्तार कर नगर पालिका बनाने का प्रस्ताव जिला प्रशासन से मांगा था, लेकिन प्रस्ताव पर शासन ने पुन: आपत्ति लगा दी है। वहीं शासन ने उक्त प्रस्ताव को वापस भेजते हुए पुन: मथुरा प्रशासन से नगर बरसाना का सिर्फ सीमा विस्तार का प्रस्ताव मांगा। जिस पर तहसील गोवर्धन के द्वारा सीमा विस्तार का प्रस्ताव पुन: भेज दिया गया।

जिस पर प्रदेश के राज्यपाल आनंदी बेन ने उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1916 (उत्तर प्रदेश अधिनियम संख्या 2 सन 1916 की धारा 3 की उपधारा (2) के साथ पठित भारत का संविधान संख्या 2621- टी- 9-1-77-7- टी (3)-72 दिनांक 17 मई 1977 और इस निमित्त जारी की गई अन्य पूर्ववर्ती अधिसूचनाओं का आंशिक उपान्तर करके नगर पंचायत बरसाना के सीमा विस्तार कर दिया गया है। जिसमें मानपुर, ऊं चागांव, चिकसौली, रूपनगर, ढभाला, बरसाना देहात, गाजीपुर, संकेत, करहला, आजनौख एवं खोर मौजा को शामिल किया गया है। नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव द्वारा जिला अधिकारी को भेजे शासनादेश की प्रति में कहा गया है कि नगर पंचायत बरसाना के सीमा विस्तार की अधिसूचना पर सात दिन के अंदर प्रमुख सचिव नगर विकास विभाग, बापू भवन लखनऊ के पते पर भेज सकते हैं।

जिलाधिकारी नवनीत चहल ने बताया कि शासन को बरसाना सहित अष्टसखियों के गांवों में विकास कराने के लिए समस्या आ रही थी। इस कारण बरसाना नगर ंपचायत का सीमा विस्तार करना आवश्यक था। ताकि इस क्षेत्र का पर्यटन विकास हो सके।

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