फिल्म ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ की रिलीज पर चुनाव आयोग की पाबन्दी, जानिए क्या है वजह

नई दिल्ली: 

लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2019) के लिए पहले दौर का मतदान गुरुवार को होना है. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा को बढ़ावा देने वाले 24 घंटे के चैनल NaMo TV को भी उन प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा, जिन्हें चुनाव आयोग (Election Commission) ने   प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीवनी पर आधारित बायोपिक  (Narendra Modi Biopic) के लिए लागू किया था. चुनाव आयोग ने आज ही पीएम मोदी पर बन रही बायोपिक की रिलीज पर रोक लगा दी थी. चुनाव आयोग ने कहा कि यह आदेश पीएम मोदी के बायोपिक पर ही नहीं बल्कि नमो टीवी (NaMo TV ) पर भी लागू होगा.

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बता दें कि डीटीएच सेवा मुहैया कराने वाले टाटा स्काई ने हाल ही में कहा था कि नमो टीवी (NaMo TV ) एक हिंदी न्यूज सर्विस है, जो राष्ट्रीय राजनीति पर ताजातरीन ब्रेकिंग न्यूज मुहैया कराती है. इस सर्विस प्रोवाइडर के ट्वीट से केंद्र सरकार के दावे पर सवाल उठे थे. एक प्रकार से टाटा स्काई ने ट्वीट कर सरकार के उस दावे का खंडन किया था, जिसमें नमो टीवी को महज एक विज्ञापन प्लेटफॉर्म बताकर पल्ला झाड़ लिया गया था. नमो टीवी नाम का यह चैनल 31 मार्च को अचानक लॉन्च हुआ, तब से इसे सत्ताधारी बीजेपी के ट्विटर हैंडल से लगातार प्रमोट भी किया जा रहा है. खुद पीएम मोदी भी चौकीदारों को संबोधित करने से जुड़े प्रोग्राम का इस टीवी पर प्रसारण होने की 31 मार्च को सूचना दे चुके हैं.

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इससे पहले आज ही चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बायोपिक फिल्म ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ पर रोक लगा दी थी. चुनाव आयोग ने कहा कि जब तक लोकसभा चुनाव खत्म नहीं हो जाते, तब तक इस फिल्म पर रोक लगी रहेगी. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की बायोपिक ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ की रिलीज पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका को मंगलवार को खारिज कर दिया था. अदालत ने कहा था कि याचिकाकर्ता की चिंता का हल करने के लिए उचित संस्था निर्वाचन आयोग है, क्योंकि यह एक संवैधानिक निकाय है.

इसके बाद फिल्म ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ (PM Narendra Modi) की टीम ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका को खारिज किए जाने पर न्यायपालिका के प्रति आभार जताया था. अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता की चिंता का हल करने के लिए उचित संस्था निर्वाचन आयोग है जो कि एक संवैधानिक निकाय है. चुनाव आयोग को ही यह तय करना चाहिए कि आगामी लोकसभा चुनावों (Lok Sabha Election 2019) के मद्देनजर फिल्म की रिलीज चुनाव के दौरान किसी विशेष राजनीतिक पार्टी को फायदा या उसके लिए झुकाव तो पैदा नहीं करती. फिल्म में पीएम मोदी का किरदार निभा रहे अभिनेता विवेक ओबेरॉय (Vivek Oberoi) ने सुप्रीम कोर्ट के रुख की सराहना की.

टिप्पणियां

10 मार्च को चुनाव की घोषणा के साथ आदर्श आचार संहिता लागू हो गया. आचार संहिता सभी दलों और उम्मीदवारों को एक समान धरातल उपलब्ध कराने पर बल देती है. आयोग में एक राय है कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड मामले पर निर्णय लेने का सक्षम प्राधिकारण है. फिल्म ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ पहले चरण के मतदान की तारीख से एक सप्ताह पहले 5 अप्रैल को रिलीज होने वाली थी.

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