नोएडा जिला अस्पताल में आंखों के डॉक्टर कर रहे बुखार का इलाज, बिना सुने कर रहे रेफर

नोएडा
इन दिनों वायरल बुखार के मरीज बढ़ रहे हैं। नोएडा के अस्पतालों में ओपीडी की संख्या भी अचानक बढ़ गई है। सेक्टर 30 स्थित जिला अस्पताल में डॉक्टर की कमी के चलते वह मरीजों को पूरा समय नहीं दे पा रहे हैं। अस्पताल में आए एक मरीज ने बताया कि उसे बुखार है और घंटों लाइन में लगकर जब वह डॉक्टर के पास पहुंचे तो पता चला कि वह आंखों के डॉक्टर हैं लेकिन फिजिशन न होने से वही दवा दे रहे थे। उन्होंने बिना पूरी बात सुने ही दवा लिखी और कहा कि दिल्ली में दिखा लो।

इन दिनों बच्चे भी बुखार, डेंगू से पीड़ित मिल रहे हैं। जिला अस्पताल में बच्चों के लिए सिर्फ एक हीं डॉक्टर हैं। किसी कारणवश वह डॉक्टर अगर छुट्टी पर चले जाएं तो बच्चों का इलाज कैसे होगा। एक तरफ शासन स्तर से चिकित्सा सेवाएं दुरुस्त करने के दावे किए जाते हैं, वहीं दूसरी तरफ अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी बनी है।

14 डॉक्टरों की होती है ओपीडी
जिला अस्पताल में रोजाना करीब ढाई हजार मरीज आते हैं। रोज 14 डॉक्टरों की ओपीडी होती है। एनेस्थेटिस्ट, पैथेलॉजिस्ट, रेडियोलॉजिस्ट, चिकित्सा अधीक्षक को हटा दें तो अस्पताल की ओपीडी में कुल 14 डॉक्टर मरीजों का इलाज करते हैं।

गंभीर समस्या बताकर करते हैं रेफर
वहीं अस्पताल में फिजिशयन और कॉर्डियोलॉजिस्ट एक भी नहीं है। डॉक्टरों की कम संख्या मरीजों के लिए मुसीबत बन रही है। मरीजों को अपनी बीमारी बताने का समय नहीं होता, वहीं डॉक्टर को और भी मरीज देखने होते हैं इसलिए उनके पास भी समय का अभाव रहता है। कई बार मरीज की समस्या सुने बिना ही दवाएं लिख देते हैं और गंभीर समस्या बताकर रेफर कर देते हैं।

डॉक्टर ने पूरी बात सुने बिना ही मिर्गी के लक्षण बता दिए
अट्टा बाजार निवासी उपेंद्र को चक्कर आने की समस्या है। पर्चा बनवाने के बाद उपेन्द्र डॉक्टर को दिखाने के लिए ढाई घंटे लाइन में लगे रहे। जब डॉक्टर ने देखा तो उनकी पूरी बात सुने बिना ही उन्हें मिर्गी के लक्षण बता दिए।

खांसी को कैंसर बताकर दिल्ली में दिखाने को बोला
सेक्टर 53 निवासी जानकी को उनके पति बृजेश कुमार अस्पताल दिखाने लाए थे। जानकी को खांसी की समस्या थी। पति बृजेश ने जब डॉक्टर को खांसी बताई तो डॉक्टर उन्हें कैंसर बताकर दिल्ली में दिखाने को बोल दिया।

आंखों के डॉक्टर ने दी बुखार की दवा
भंगेल से आए अवधेश को बुखार आ रहा था। पर्चा बनवाने के बाद अवधेश डॉक्टर को दिखाने लाइन में लगे थे। जब अवधेश का नंबर आया तो आंखों के डॉक्टर ने उनको दवा लिख दी और कहा कि दिल्ली में दिखा लो।

बिना जांच के ही दे रहे दवा
जिला अस्पताल में इन दिनों बुखार के मरीज बढ़ने से डॉक्टर बिना जांच के ही मरीजों को वायरल बुखार की दवा दे रहे हैं। बुखार की ओपीडी हर दिन 300 से अधिक की है, लेकिन सिर्फ 20 मरीजों में डेंगू-मलेरिया और 12 मरीजों में टाइफाइड की जांच हो पा रही है। मरीजों में सही बीमारी की पुष्टि न हो पाने से उचित दवाएं भी नहीं उपलब्ध हो पा रही हैं।

बता दें कि जिला अस्पताल में रोजाना करीब ढाई हजार मरीज आते हैं। इनमें सिर्फ बुखार के मरीज करीब 300 आ रहे हैं। बुखार के मरीजों में सभी मरीजों की डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड की जांच नहीं हो रही है। बुखार के अलावा त्वचा की समस्या, आंखों की समस्या आदि के मरीज भी बढ़े हैं। जिला अस्पताल में पिछले 10 दिन की ओपीडी में हुई जांचों पर नजर डालें तो डेंगू का एक भी मरीज नहीं मिला है। मलेरिया के 5 और टाइफाइड के कुल 15 मरीज मिले हैं।

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*