फेक जीएसटी बिल: रेस्टोरेंट में खाना खाने के बाद बिल में ये चीज देखना न भूलें!

रेस्टोरेंट में अक्सर लोग जल्दबाजी में खाने का बिल अच्छी तरह नहीं देखते। अगर देख भी लेते हैं तो केवल खाने पीने की चीजों और उनके रेट पर नजर मार लेते हैं और कई रेस्टोरेंट इसी बात का फायदा उठाकर बिल में फर्जी जीएसटी जोड़ देते हैं। देश में हजारों रेस्टोरेंट इस तरह का फर्जीवाड़ा कर रहे हैं। वे बिल में तीन तरह से फर्जी जीएसटी जोड़ देते हैं और इससे आपको 12 प्रतिशत तक अतिरिक्त चार्ज देना पड़ जाता है।

खाने के बिल में फर्जी जीएसटी जोड़ने का पहला तरीका ये है कि कई रेस्टोरेंट इसे पूरे बिल में जोड़ देते हैं और मुख्य बिल में जीएसटी को नहीं दिखाते। ऐसे में बिल की जांच नहीं करने वाले जल्दबाजी में अतिरिक्त चार्ज का भी भुगतान कर देते हैं।

कई रेस्टोरेंट फूड बिल में बाकायद सीजीएसटी व जीएसटी दर्शाते हुए बिल देते हैं। लेकिन यहीं दूसरा सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा होता है। दरअसल, बिल में जीएसटी तो सही होता है पर रेस्टोरेंट का जीएसटी नंबर ही एक्टिव नहीं होता।

कई रेस्टोरेंट तो असली जीएसटी नंबर देकर फूड बिल में जीएसटी लगा देते हैं, पर असल में वे जीएसटी के दायरे में आते ही नहीं हैं। ऐसा करके रेस्टोरेंट मालिक अपने ग्राहकों को जमकर चूना लगाते हैं।

तो ग्राहक ऐसे में क्या करें?
ग्राहकों को फूड बिल को अच्छी तरह से पढ़ना चाहिए। खाने-पीने की चीजों के दाम के साथ-साथ जीएसटी की दर देखनी चाहिए। सबसे जरूरी बात ये है कि ग्राहक को फूड बिल में जीएसटी नंबर ढूंढ़ना चाहिए। अगर जीएसटी नंबर नहीं है, तो आप जीएसटी देने से साफ मना कर सकते हैं। वहीं अगर जीएसटी नंबर है, तो वह किना सही है इसकी जांच भी आप ऑनलाइन कर सकते हैं। अगर रेस्टोरेंट आपसे गलत तरीके से जीएसटी चार्ज करते हैं तो आप इसकी शिकायत टोल फ्री नंबर 18001200232 पर कर सकते हैं।

 

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