सबसे तेज ट्रेन में खाना छोड़ना पड़ सकता है महंगा

नई दिल्ली। देश की सबसे तेज ट्रेन ‘वंदे भारत’ की शुरुआत जल्द ही दिल्ली से बनारस के बीच होने वाली है। वंदे भारत एक्‍सप्रेस यानी ट्रेन 18 में खाना लेना अनिवार्य होगा। इस ट्रेन में सफर करने वाले यात्री खाना ना लेने का विकल्‍प नहीं चुन पाएंगे। रेलवे अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। हालांकि शताब्‍दी, राजधानी और दुरंतो जैसी बाकी प्रीमियम ट्रेनों में खाना लेना या न लेना यात्री पर निर्भर करता है। उसके पास खाना नहीं लेने का विकल्‍प होता है।
सूत्रों ने बताया कि वंदे भारत एक्‍सप्रेस में सफर के दौरान केवल प्रयागराज से वाराणसी जाने वाले यात्रियों के पास ही आईआरसीटीसी की ओर से दिए जाने वाले खाने के विकल्‍प को मना करने का अधिकार होगा। यह फैसला टिकट बुक करते समय ही करना होगा। खाना नहीं लेने पर कैटरिंग चार्ज उनकी टिकट में नहीं जुड़ेगा। बाकी यात्रियों के लिए खाने का पैसा किराए में शामिल होगा। लेकिन अगर यात्री ने खाना नहीं लेने का विकल्‍प चुन लिया हो और उसे बाद में खाना चाहिए होगा तो 50 रुपये से अलग से देने पड़ेंगे।
ट्रेन 18 में दो तरह के डिब्‍बे होंगे। एक एक्‍जीक्‍यूटिव और दूसरा चेयर कार। सूत्रों ने बताया कि इन दोनों में खाने की कीमतें अलग-अलग होंगी। नई दिल्‍ली से वाराणसी तक एक्‍जीक्‍यूटिव क्‍लास में सफर करने वाले यात्रियों को सुबह के चाय-नाश्‍ते और खाने के लिए 399 रुपये देने होंगे। वहीं चेयर कार वालों को 344 रुपये देने पड़ेंगे।
दिल्ली से कानपुर, प्रयागराज के बीच खाने के लिए एक्जीक्यूटिव क्लास में 155 और चेयर कार में 122 रुपये होंगे। वहीं वाराणसी से नई दिल्‍ली की यात्रा के दौरान एक्‍जीक्‍यूटिव क्‍लास वालों को 349 और चेयर कार वालों को 288 रुपये शाम की चाय और डिनर के लिए देने होंगे।

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