लॉकडाउन की आशंका: आ अब लौट चलें

संवाददाता
यूनिक समय, कोसीकलां। बीते वर्ष लॉकडाउन की मार से उभर रहे लोगों के लिए कोरोना की दूसरी लहर फिर से एक नई मुसीबत लेकर आई है। शहर में काम करने वाले लोग फिर से पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं। ऐसे ही कई नजारे सोमवार को यहां देखने को मिले। बढ़ते कोरोना संक्रमण के बाद लागू किए नाइट कफ्र्यू और तीन दिवसीय वीकेंड लॉकडाउन और अब संपूर्ण लॉकडाउन लगने की आशंका के चलते लोग पलायन कर अपने-अपने घर लौट रहे हैं।

कोई प्रवासी मजदूर सिर पर सामान की पोटली रखे है तो कोई बच्चों को गोदी में लिए महिलाएं। नजारा सोमवार दोपहर बाईपास चैराहे पर बसों के इंतजार में देखने को मिला। बता दें कि ये प्रवासी मजदूर है, जो यहां रहकर अपने परिवार को पेट मेहनत-मजदूरी कर पालते हैं। कोरोना की वैक्सीन आने और केस कम होने के बाद कोसीकलां में प्रवासी मजदूर लौट आए थे। इस बार बीते साल से ज्यादा तेजी से फैल रहे कोरोना के डर से लोगों ने फिर से पलायन करना शुरू कर दिया हैं। प्रवासी मजदूरों ने बताया कि पहले की तरह सरकार बिना बताए लॉकडाउन लगा देगी तो हम यहां भूखे मर जाएंगे।

पिछली बार लॉकडाउन के बाद घर वापसी के समय, जो हमने मुसीबत उठाई थी, उसे हम ही जानते हैं। हम नहीं चाहते कि पिछली साल की तरह इस बार हमारे साथ कुछ वैसा हो और हम दो वक्त की रोटी के लिए भी दर-दर की ठोकरे खाएं।

मजदूरों से बात करने पर पता चला कि लॉकडाउन के दौरान रोटी देने वालों ने फोटो खींच-खींचकर जो जिल्लत दी, वो आज भी उन कडवी यादों से उबर नहीं सके है। इस कारण वह न सिर्फ अपने घरों के लिए रवाना होने लगे हैं बल्कि किसी भी सूरत में उस मंजर को दोबारा देखने के लिए तैयार नहीं है।

मथुरा से दूसरे राज्यों को जाने वाली रोडवेज बसें रोकी गई

संवाददाता
यूनिक समय, मथुरा। लॉकडाउन में बस स्टेशन खाली पड़े हैं। बसें खाली खड़ी हैं। यात्रियों की संख्या बहुत कम हैं। यह हालात कोरोना काल में बन गए हैं। सरकार ने दूसरे राज्यों में जाने वाली परिवहन निगम की बसों पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस कारण आज से भूतेश्वर बस स्टेशन, पुराना बस अड्डा एवं वृंदावन बस स्टेंड से जाने वाली दूसरी राज्यों को बसें ना जा सकी। मथुरा से दिल्ली, राजस्थान एवं हरियाणा राज्यों को बसें जाती थी। अब सरकार ने दूसरे राज्यों को जाने वाली यूपी रोडवेज की बसों को रोक लिया है, जिससे बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं से यूपी में संक्रमण फैल न सके।

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