बाजार में दुकानों पर नहीं है अग्निशमन यंत्र, अगर हादसा हुआ तो जिम्मेदार कौन

संवाददाता

यूनिक समयमथुरा /वृंदावन/ कोसीकलां। सड़कों पर अतिक्रमण का बोलबाला है। शहर में तो हालात और बदतर है। व्यापारिक प्रतिस्पर्धा के चलते सड़कें दिन प्रतिदिन संकरी होती जा रही हैं। दुकानें सड़कों और फुटपाथों पर लगने के चलते बाजारों में आने-जाने वालों को लगातार परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। भीड़भाड़ वाले इन इलाकों में खैर मनाइए कि यहां आग न लगे, वरना लोगों को जानमाल से भी हाथ धोना पड़ सकता है। यूनिक समय टीम ने जब इन बाजारों की पड़ताल की तो ज्यादातर दुकानों में आग बुझाने के यंत्र भी नजर नहीं आए।
मथुरा हो या कोसीकलां या फिर वृंदावन समेत अन्य नगर के बाजार।

यहां प्रतिदिन बड़ी संख्या में जरूरत का सामान खरीदने के लिए आने वालों का जमावड़ा भी देखा जा सकता है। कपड़े की बड़ी संख्या में शोरूम दुकानें खुली हैं, लेकिन इन दुकानों पर कहीं आग बुझाने का यंत्र दूर-दूर तक नजर नहीं आया। सराफा की दुकानें भी हैं, मगर आग से बचाव के लिए इंतजाम नहीं दिखे। कच्ची मंडी का तो और भी हाल-बदहाल है। दुकानों के आगे व्यापारिक प्रतिस्पर्धा के चलते यहां फुटपाथ पर जगह ही नहीं दिखाई पड़ रहा है। अतिक्रमण कभी भी लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन सकता है। बाजार की इन तंग गलियों में कहीं अग्निदेवता का प्रकोप दिखाई पड़ा तो आग बुझाने में दमकल कर्मियों को लोहे का चना चबाना जैसा होगा।

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