इंस्पेक्टर की मनमानी से फुटबॉल बन गया एक परिवार

संवाददाता
यूनिक समय, वृंदावन। कोतवाली अंतर्गत रमणरेती पुलिस चौकी क्षेत्र में गत दिनों एक युवती की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद परिवारिजन एफआईआर की कॉपी और पोस्टमार्टम रिपोर्ट लेने के लिए थाने और रमणरेती चौकी के बीच पांच घंटे तक फुटबॉल की तरह इधर से उधर घूमते रहे।

गौरतलब है कि करीब एक सप्ताह पहले रमणरेती पुलिस चौकी क्षेत्र में कृष्ण बलराम रेजीडेंसी में डॉली नामक युवती की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हुई थी। हालांकि मृतका के परिजनों ने हत्या किए जाने की शंका जाहिर की थी। इस मामले की जांच अधिकारी इंस्पेक्टर (क्राइम) जगदीश सिंह को सौंपी गई। जानकारी के अनुसार आज मृतका युवती के माता- पिता और छोटे भाई-बहन अलीगढ़ से किराये की गाड़ी लेकर कोतवाली में प्रात: 9.30 बजे आ गये। परिवारीजनों के मुताबिक इंस्पेक्टर क्राइम ने उन्हें सुबह 10 बजे थाने बुलाया था।

यहां पहुंचने पर परिवारिजनों को रमणरेती पुलिस चौकी भेज दिया। बताते हैं कि पुलिस चौकी पहुंचने पर आईओ से फोन पर सम्पर्क किया तो उन्होंने फिर थाने बुला लिया। परिवारीजनों को कभी आश्वासन मिलता की एक घंटे में आ रहे हैं तो कभी कहा जाता बस 10 मिनट में पहुंच रहे हैं। इंतजार की घड़ी इतनी लम्बी हो गई कि इस बीच करीब 5 घंटे का समय निकल गया। बाबजूद परिजनों की जांच अधिकारी से मुलाकात ही नहीं हो सकी। हताश परिजनों के नेत्रों से अश्रु छलक उठे। कहने लगे बड़ी मुश्किल से बंदोबस्त कर 2500 रुपये में गाड़ी किराये पर लाये हैं। इस बीच मृतक की छोटी बहन ने थाना कोतवाली के साइन बोर्ड से एसएसपी गौरव ग्रोवर का नंबर लेकर फोन मिला दिया और सुबह से अब तक की आपबीती सुना दी।

कप्तान ने तुरंत कहा कि किसी पुलिसकर्मी से बात कराइए तो उसने मौके पर मौजूद एक दरोगा से बात करवा दी। कप्तान ने तत्काल पीड़ित की समस्या का समाधान करने के निर्देश दिये। थाने में उपस्थित दारोगा निरीक्षक क्राइम को फोन कर थक गये, लेकिन किसी की भी उनसे बात न हो सकी। निराश परिजन दोपहर करीब 2.30 बजे अपना सा मुंह लिए लौटकर जाने के लिए अपनी गाड़ी में बैठे, तभी निरीक्षक क्राइम जगदीश सिंह की गाड़ी थाने के गेट पर आकर रुकी। परिजन फटाफट अपनी गाड़ी से उतरकर उनके पास पहुंचे और अपने कार्य के लिये गुहार लगाने लगे।

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