GAFA tax: Google और Facebook पर फ्रांस लगाएगा डिजिटल टैक्स, भड़का अमेरिका

फ्रांस दुनिया की बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों पर ‘GAFA tax’ लगाने की तैयारी कर रहा है। फ्रांस की इस योजना पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भड़क गए …

नई दिल्ली। यूरोपीय देश फ्रांस दुनिया की बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों पर ‘GAFA tax’लगाने की तैयारी कर रहा है। फ्रांस ने कहा है कि वो सभी बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों पर डिजिटल टैक्स लगाने की योजना को आगे बढ़ाएगा। फ्रांस की इस योजना पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भड़क गए और ट्वीट करके अपनी नाराजगी जाहिर की। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने ट्वीट में कहा कि फ्रांस अपने ऐसे किसी भी कदम की सूरत में अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहे। अगर, फ्रांस ऐसा कोई भी टैक्स लगाता है तो जवाब में अमेरिका भी फ्रांस के आयतित वाइन पर जवाबी शुल्क लगाएगा। आपको बता दें कि अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनियां Google, Facebook आदि फ्रांस को बहुत कम टैक्स का भुगतान कर रही है।

अपनी ‘योजना’ पर अड़ा फ्रांस

फ्रांस के वित्त मंत्री ने कहा कि अंजाम चाहे जो भी हो वो अपनी योजना पर आगे बढ़ेगा। अब बात करते हैं GAFA tax की, यह डिजिटल टैक्स दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनियों Google, Apple, Facebook और Amazon (GAFA) पर लगाया जाएगा। फ्रांस चाहता है कि ये कंपनियां यूरोप में बड़े पैमाने पर बिजनेस करने के एवज में फेयर टैक्स का भुगतान करे। इस टैक्स के तहत इन कंपनियों को 1 जनवरी 2019 से लेकर अब तक करीब 500 मिलियन यूरो (लगभग 570 मिलियन अमेरिकी डॉलर) का भुगतान करना होगा।

सरकार की बढ़ सकती है कमाई

अगर, भारत में भी GAFA tax या डिजिटल टैक्स लगाया जाएगा तो सरकार को इन कंपनियों से फायदा मिल सकता है। भारत डाटा खपत के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा देश बनकर उभर रहा है। ऐसे में इन कंपनियों पर टैक्स लगाने के बाद इसका असर यूजर्स पर भी पड़ सकता है। हालांकि, भारत सरकार अभी इस तरह के किसी भी डिजिटल टैक्स लगाने पर विचार नहीं कर रही है।

‘डाटा प्रोटेक्शन लॉ’ पर काम कर रही है भारत सरकार

शनिवार को आयोजित IMC 2019 के कर्टेन रेजर इवेंट में केन्द्रीय टेलिकॉम मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि भारत सरकार डाटा प्रोटेक्शन लॉ पर काम कर रही है। डाटा प्रोटेक्शन लॉ का ड्राफ्ट जल्द ही तैयार कर लिया जाएगा। इस डाटा प्रोटेक्शन लॉ के लागू हो जाने के बाद भारतीय यूजर्स का डाटा भारत में ही स्टोर होगा और उसे भारत के बाहर स्टोर करना टेक्नोलॉजी कंपनियों के लिए असंभव हो जाएगा। जिसके बाद यूजर्स का डाटा सुरक्षित रहेगा। इस समय भारत दुनिया के प्रमुख डाटा जेनरेशन देशों की लिस्ट में शामिल हैं। भारतीय यूजर्स प्रतिदिन लाखों GB डाटा जेनरेट करते हैं और उसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से लेकर वीडियों कंटेंट अपलोडिंग प्लेटफॉर्म्स पर अपलोड किए जाते हैं।

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