खुशखबरी: खुल गए धार्मिक स्थल, लेकिन इन बातों का जरूर रखें ध्यान

कोरोना वायरस को काबू करने के लिए पहले लॉकडाउन लगाया लेकिन मामलों में कोई कमी ना आने की वजह से लॉकडाउन की अवधि लगातार बढ़ती गई। इससे देश की आर्थिक गतिविधियों पर गहरा असर पड़ा, क्योंकि लंबे समय के लिए आर्थिक कार्य बंद नहीं किए जा सकते, इसलिए लॉकडाउन के बाद अनलॉक लाया गया।

आज अनलॉक के पहले चरण की शुरुआत है और बहुत से राज्यों में धार्मिक स्थलों को खोल भी दिया गया है। कोरोना वायरस के प्रकोप से बचने के लिए धार्मिक स्थल अपने स्तर पर सुरक्षा की व्यवस्था कर रहे हैं लेकिन आप कैसे खुद को बचा सकते हैं, ये आपकी जिम्मेदारी है। अगर आप भी मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और गिरिजाघर जा रहे हैं तो इन खास बातों का जरूर ध्यान रखें…

Gujarat: Religious places to hold prayers in shifts, start token ...

  1. घर से बाहर निकलते वक्त मास्क जरूर लगाएं। धार्मिक स्थलों में भीड़ का होना आम बात है, इसलिए खुद के साथ-साथ दूसरों की सुरक्षा के लिए मास्क लगाना बेहद जरूरी है।
  2. धार्मिक स्थलों में कतार में खड़े होते समय, प्रार्थना करते समय आगे वाले व्यक्ति से उचित दूरी बनाकर रखें। अपनी बारी का धैर्यपूर्वक इंतजार करें।
  3. अगर आप धार्मिक स्थलों पर जा रहे हैं तो कोशिश करें कि वहां कम समय बिताएं। पूजा की सारी तैयारी घर से करके जाएं और पूजा करने के फौरन बाद मंदिर प्रांगण से बाहर आ जाएं।
  4. सार्वजनिक आसन इस्तेमाल करने के स्थान पर अपना आसन ले जाना ज्यादा बेहतर रहेगा।
  5. धार्मिक स्थलों में सफाई का पूरा ध्यान रखा जाएगा लेकिन वायरस कब, कहां से आ जाए ये नहीं कहा जा सकता। ऐसे में परिसर में कोई भी सतह छूने से बचें। आप जितनी कम चीजों को छुएंगे संक्रमण का खतरा उतना ही कम रहेगा।
  6. कोरोना से बचने के लिए बार-बार हाथों को धोने की सलाह दी जा रही है। इसलिए मंदिर में प्रवेश के पहले सैनिटाइजर से अपने हाथों को साफ करें और घर आने के बाद हाथों को साबुन से अच्छी तरह जरूर धोेएं।
  7. धार्मिक स्थलों पर जाते समय ध्यान रखें कि आपके जूते-चप्पल के पास अन्य किसी के जूतें-चप्पल ना रखें हों। इसके साथ ही बाहर और घर के जूते चप्पल अलग-अलग रखें। बाहर के जूते-चप्पलों का प्रयोग घर में ना करें।
  8. मंदिर में ना तो आप प्रसाद चढ़ाएं और ना ही प्रसाद ग्रहण करें। ऐसा करना कोरोना संक्रमण की रोकथाम में मददगार होगा। साथ ही फूल-माला भी नहीं चढ़ाएं। घर से ले गई अगरबत्ती या धूप बत्ती का प्रयोग कर सकते है।

 

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