श्रम कानूनों में सरकार ने 3 बदलाव की दी मंजूरी, जानिए क्‍या पड़ेगा असर

श्रमिक
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नई दिल्‍ली : केंद्रीय कैबिनेट ने मंगलवार को सोशल सिक्‍योरिटी, इंडस्ट्रियल रिलेशंस और ऑक्‍यूपेशनल सेफ्टी एंड हेल्‍थ (ओएसएच) पर लेबर कानूनों में बदलाव को मंजूरी दी है. इनमें वर्कर्स के लिए पेंशन और मेडिकल बेनिफिट शामिल हैं. सरकार के अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

इस कदम से राज्‍यों को अपने श्रम कानूनों के फ्रेमवर्क में बदलाव लाने में मदद मिलेगी. संसद के आगामी मानसून सत्र में इन बदलावों पर मंजूरी ली जाएगी. मामले से जुड़े अधिकारी ने कहा, ”कानूनों में बदलाव को मंजूरी दे दी गई है.”

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माना जा रहा है कि इनमें उन शर्तों और क्षेत्रों को साफ तौर पर परिभाषित किया गया है जिनमें फिक्‍स्‍ड-टर्म एम्‍प्‍लॉयमेंट दिया जाना है.

अधिकारियों ने बताया कि प्रस्‍तावित संशोधनों में ऑक्‍यूपेशनल सेफ्टी पर ‘उचित प्राधिकरण’ की परिभाषा को साफ किया गया है. साथ ही इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड में टर्म इम्‍प्‍लॉयी और वर्कर्स के बीच अंतर को खत्‍म किया गया है. प्रस्‍तावित इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड में 100 या इसे अधिक कर्मचारियों वाले संस्‍थान में छंटनी के लिए विशेष प्रावधानों को सुझाया गया है. वहीं, फैक्‍ट्री में काम करने वाले वर्कर्स के लिए हेल्‍थ फेसिलिटी को मजबूत किया गया है.

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ये बदलाव गुजरात, मध्‍य प्रदेश और उत्‍तर प्रदेश जैसे राज्‍यों को श्रम कानूनों में सुधार लाने में मदद करेंगे. हाल ही में इन राज्‍यों ने इनकी शुरुआत की है. इसमें व्‍यावसायिक प्रतिष्‍ठानों को अपनी शिफ्ट को आठ से बढ़ाकर 12 घंटे करने की अनुमति देना शामिल है.

केंद्र सरकार 44 केंद्रीय श्रम कानूनों को चार व्‍यापक कोड में बदलने पर काम कर रही है. इनमें वेतन, इंडस्ट्रियल रिलेशन, ओएसएच और सोशल सिक्‍योरिटी शामिल हैं. लोकसभा में पिछले साल इन कोडों को पेश किया गया था. फिर इन्‍हें श्रम पर संसद की स्‍थायी समिति के पास जांच के लिए भेजा गया था.

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