बड़ी कामयाबी: फेफड़े से 13 साल बाद निकाला पेन का ढक्कन, डॉक्टरों को ऐसे मिली सफलता

हिमाचल के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान आईजीएमसी के डॉक्टरों ने 20 मिनट में मरीज के फेफड़े से पेन का ढक्कन निकाल दिया। ब्रांकोस्कोपी से यह संभव हो पाया है। चंबा के विपिन (34) सीने में सीटियां बजने और संक्रमण के बाद अस्पताल पहुंचे थे। डॉक्टरों ने बताया कि साल 2006 में मुंह के जरिये पेन का ढक्कन मरीज ने गलती से निगल लिया था।

इस बीच उन्हें उल्टी हुई और लगा कि ढक्कन निकल गया है।लेकिन मरीज को बार बार इंफेक्शन की समस्या होने लगी। कई जगह डॉक्टरों को भी दिखाया लेकिन सभी टेस्ट रिपोर्ट सही पाई गईं। हालांकि, मरीज को बुखार और सीने में सीटियां बजने की समस्या आती रही। चिकित्सकों ने इस दौरान समझा कि अस्थमा की बीमारी हो सकती है। इसके बाद मरीज एक दिसंबर को आईजीएमसी पहुंचा।डॉक्टरों ने मरीज के सीने के एक्सरे और सीटी स्कैन कराए लेकिन रिपोर्ट सामान्य आई। बुधवार सुबह डॉक्टरों ने ब्रांकोस्कोपी टेस्ट करने का फैसला लिया। इसमें पता चला कि मरीज के फेफड़ों में पेन का ढक्कन फंसा हुआ है। लोकल एनेस्थीसिया व ब्रांकोस्कोपी की मदद से करीब 20 मिनट के भीतर डॉक्टरों ने ढक्कन को निकाल दिया।

मरीज को पल्मोनरी विभाग के वार्ड में बेड नंबर 12 में शिफ्ट किया गया है, जहां उनकी हालत स्थिर है। पल्मोनरी विभाग के प्रोफेसर आरएस नेगी, डॉ. डिंपल बगलानी, डॉ. अनुराग त्रिपाठी और डॉ. मनोज की टीम ने यह प्रक्रिया पूरी की।

डॉक्टरों का कहना है कि छोटे बच्चों और बुजुर्गों का काफी ध्यान रखना चाहिए। चूंकि मूंगफली का दाना खाने के दौरान कई बार फेफड़ों में फंस जाता है। अभी तक 80 साल से अधिक आयु के बुजुर्गों का इस टेस्ट के जरिये इलाज हो चुका है।लेकिन अगर ये चीजें फंस जाए तो इससे सीने में संक्रमण की समस्या बढ़ जाती है। हालांकि, विभाग का दावा है कि मटर, सुई, मांस और सेब के टुकड़े फंसे होने के कारण उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला गया है।

 

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*