राजीव एकेडमी मेें एथिकल हैकिंग पर गेस्ट लेक्चर

 राजीव एकेडमी फोर टैक्नोलाॅजी एंड मैनेजमेंट में आयोजित में एप्लीकेशन सिक्योरिटी ट्रेनर मोइन कुरैश ने कहा-सभी छात्र-छात्रा जीमेल अकाउण्ट्स को बराबर चैक करते रहें
आरके एजुकेशनल हब के चैयरमेन डा. राम किशोर अग्रवाल, वाइस चैयरमेन पंकज अग्रवाल और एमडी मनोज अग्रवाल ने कहा कि सीखे ज्ञान से अपने डाटा को सुरक्षित करें
मथुरा। राजीव एकेडमी फोर टैक्नोलाॅजी एंड मैनेजमेंट में आयोजित एथिकल हैकिंग पर गेस्ट लेक्चर में एप्लीकेशन सिक्योरिटी ट्रेनर मोइन कुरैश ने कहा कि कम्प्यूटर की चर्चा होते ही उसके फीड डाटा की सुरक्षा का विचार अनायास ही दिमाग में आ जाता है। यह वास्तविकता भी है। हम जब अपने घर-वाहन और कीमती सामान की सुरक्षा करते हैं। उसी प्रकार कम्प्यूटर में फीड महत्वपूर्ण जानकारियां सुरक्षित होती हैं लेकिन साइबर अपराधी ऐसी जानकारियों को चुरा लेते हैं अर्थात कम्प्यूटर डाटा की इस चोरी को हैकिंग कहते हैं। इस हैकिंग से कैसे बचा जाय। इस विषय पर राजीव एकेडमी फाॅर टेक्नोलाॅजी एण्ड मैनेजमेंट के बीसीए प्रथम वर्ष छात्र-छात्राओं के लिए गेस्ट लैक्चर हुआ।
एप्लीकेशन सिक्योरिटी ट्रेनर मोइन कुरैश ने कहा कि छात्र-छात्राएं हैकिंग के बारे में पूर्ण जानकारी रखें। हैकिंग की रोकथाम आज के समय में बहुत जरुरी है। हम आज अपनी समस्त महत्वपूर्ण जानकारी और अन्य दस्तावेज इण्टरनेट के जरिए कम्प्यूटर में रखते हैं। इसे कम्प्यूटर में रखते समय हमें कुछ खास बातों का ध्यान आवश्यक है। जिससे कम्प्यूटर में रखी गई आवश्यक सामग्री भविष्य में सुरक्षित रह सकें। मोइन कुरैश ने छात्र-छात्राओं के प्रश्नों के उत्तर देते हुए हैकिंग के विभिन्न प्रकारों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि ये हैकिंग मुख्यतः ब्लैक हैकिंग, व्हाइट हैकिंग और ग्रेहैट हैकिंग और एथिकल हैकिंग है। उन्होंने कहा कि सभी हैकर बुरे नहीं होते हैं। अच्छे हैकर को व्हाइट हैकर कहा जाता है। बुरे हैकरों को ब्लैक हैकर कहते हैं। कुछ इन दोनों के बीच वाले हैं जिन्हें ग्रेहैट हैकर कहते हैं।
उन्होंने छात्र-छात्राओं को सावधान किया कि वे गूगल, फेसबुक आदि पर कार्य करते समय सावधान रहें। उन्होंने कहा कि विशेष रुप से जब हम आॅन लाइन शापिंग करें तब पिन नम्बर को भूलकर भी किसी से शेयर ना करें अन्यथा हैकिंग की सम्भावना बढ़ जाती है। हैकर विभिन्न कम्प्यूटर एप्स में कमियां खोज ही लेते हैं। मौका मिलते ही वे मनमाने रुप से हैकिंग कर लेते हैं।
उन्होंने गैस्ट लैक्चर में सभी से अपने जी मेल अकाउण्ट्स को बराबर चैक करते रहने की सलाह दी। जी मेल हैकिंग से सम्बन्धित छात्र-छात्राओं ने अनेक प्रश्न पूछे। जिनका उन्होंने संतोष जनक उत्तर प्राप्त कर ज्ञानवर्धन किया। उन्होंने छात्र-छात्राओं को लाइव उदाहरण देकर समझाया कि कैसे जी मेल अकाउण्ट चैक करें। एकाउंट हैकिंग की सम्भावना होतो उससे कैसे बचें।
अन्त में उन्होंने कहा कि जब तक हम कोई गलती नहीं करते तब तक किसी तरह की हैकिंग नहीं हो सकती, हाँ यदि किसी एप्स में कोई प्रोडक्शन सम्बन्धी गलती है तो ऐसा हो सकता है अतः आॅन लाइन शापिंग आदि से बचें। इसे अधिक बार अपनाने से हो सकता है आप कोई गलती कर दें, हैकर तो इसी की ताक में रहते हैं। उन्होंने छात्र-छात्राओं से सी लंैग्वैज पर कमाण्ड रखने को कहा। उन्होंने जावा इत्यादि की विशिष्ट जानकारी के लिए भी छात्रों को प्रोत्साहित किया।
संस्थान के निदेशक डाॅ. अमर कुमार सक्सैना ने गेस्ट लैक्चर में नवीन जानकारी देने के लिए विशेषज्ञों का आभार व्यक्त किया। साथ छात्र-छात्राओं से कहा कि वे हैकिंग होने से खुद और संस्थान के डैटा को बचाने का प्रयास करें।
आरके एजुकेशनल हब के चैयरमेन डा. राम किशोर अग्रवाल, वाइस चैयरमेन पंकज अग्रवाल और एमडी मनोज अग्रवाल ने कहा कि कम्प्यूटरों के बढते प्रचलन को देखते हुए देश में हैकरों से बचाव करने वाले विशेषज्ञों की सेवाओं की हर संस्थान को होने लगेगी। हर संस्थान अपने यहां ऐसे विशेषज्ञ युवाओं को अनिवार्य रुप से जाॅब देने लगेंगे। इससे हैकिंग रोकने और हैकरों पर अंकुश लगाने वाले कम्प्यूटर विशेषज्ञों का एक नया क्षेत्र विकसित होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।

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