सेहत: कई गंभीर बीमारियों का कारण है पित्त का बढ़ना, जानिए क्या खाएं और क्या नहीं!

नई दिल्ली। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए वात—पित्त और कफ संतुलन होना आवश्यक है। इनके असंतुलित होने पर आपको किसी न किसी प्रकार के स्वास्थ्य संबंधी परेशानी हो सकती है। ​अगर आपका पित्त बढ़ाता है तो कई गंभीर बीमारियों का खतरा हो सकता है।
आयुर्वेद के अनुसार वात पित्त और कफ को त्रिदोष कहते हैं। इनके असतुंलित होने से क्रॉनिक डिजीज की समस्याएं हो जाती हैं। आयुर्वेद के अनुसार कफ दोष में 28 रोग, पित्त रोग में 40 रोग और वात दोष में 80 प्रकार के रोग होते हैं। जहां कफ की समस्या चेस्ट के ऊपरी हिस्से में होती है।

वहीं पित्त की समस्या चेस्ट के नीचे और कमर में होती है। इसके अलावा वात की समस्या कमर के नीचे हिस्से और हाथों में होती है। इस त्रिदोष की समस्या को योगसन, प्राणायाम और घरेलू उपायों से ठीक किया जा सकता है। आइए आपको बताते हैं वात और पित्त रोगों के बारे में और उन्हें सही और संतुलित रखने के लिए क्या खाएं और क्या नहीं।

पित्त रोग
-हिचकियां आना।
-जॉन्डिस की समस्या होना।
-स्किन, नाखून और आंखों का रंग पीला होना।
-अधिक गुस्सा आना।
-शरीर में तेज जलन या गर्मी लगना।
-मुंह और गले का पकना।
-बेहोशी या चक्कर आना।

वात रोग
-हड्डियों में ढीलापन।
-हड्डियों का खिसकना या टूटना।
-कब्ज की समस्या।
-मुंह का स्वाद कड़वा होना।
-अंगों का ठंडा और सुन्न होना।
-शरीर में अधिक रूखापन होना।
-मांसपेशियों में सुई के चुभने जैसा दर्द।
-हाथों और पैरों की उंगलियों में अचानक दर्द।
-शरीर में अकड़न।

जानें क्या खाएं और क्या नहीं
छाछ
दही का सेवन करने के बजाए इसे पतला करके छाछ के रूप में या लस्सी का सेवन करें। इसमें अजवाइन का इस्तेमाल करना पित्त विकार के लिए फायदेमंद रहेगा।

काला नमक
छाछ के साथ या खाद्य पदार्थों के साथ काले नमक का सेवन करें लेकिन काला नमक दिन में ही प्रयोग करना फायदेमंद रहता है।

काला जीरा
काला जीरा पित्त के संतुलन में काफी सहायक होता है। अगर पित्त की समस्या है तो काले जीरे को डाइट में जरूर शामिल करें।

गाय के दूध से बना घी
घी तो आप खाते ही होंगे, लेकिन कोशिश करें कि गाय के दूध से बने घी का इस्तेमाल करें। यह पित्त की समस्या में लाभ देता है।

आंवला
आंवला रात को भिगो दें। सुबह उसी में मसलकर छान लें। अब मिश्री जीरा कूटकर मिला कर पिएं। यह पित्त की समस्या में फायदा पहुंचाएगां

क्या न खाएं
आयोडीन युक्त नमक का सेवन ज्यादा न करें।
फास्ट फूड, तला-भुना, गरम व जलन वाले फूड्स खाने से बचें।

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