हिजाब विवाद: बेंगलूरू के स्कूल कॉलेजों के बाहर धारा 144 लागू, भीड़ जुटी तो पुलिस बरतेगी सख्ती

बेंगलुरू। हिजाब के बढ़ते विवाद के बीच बेंगलुरू पुलिस सतर्क हो गई है। पुलिस ने छात्रों और अन्य संगठनों को चेतावनी दी है कि बेंगलुरू शहर में स्कूलों, डिग्री कॉलेजों या इसी तरह के अन्य शैक्षणिक संस्थानों के गेट से 200 मीटर के दायरे में किसी तरह का जमावड़ा, आंदोलन या किसी भी प्रकार का विरोध प्रदर्शन नहीं हो सकता है। पुलिस ने कहा है कि ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

बेंगलुरू पुलिस कमिशनर कमल पंत द्वारा जारी निर्देशों में कहा गया है कि स्कूल-कॉलेजों में यूनिफॉर्म को लेकर पिछले कुछ दिनों से राज्य के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन देखने को मिले हैं। कुछ जगहों पर इन प्रदर्शनों में हिंसा दिखी, इससे शांति व्यवस्था बाधित हुई। बेंगलुरू में इस तरह के आंदोलनों और विरोध प्रदर्शनों की अनुमति नहीं दी जा सकती है। यह बहुत ही संवेदनशील मुद्दा है और बेंगलुरू शहर की शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह जरूरी है। इसलिए तय किया गया है कि बेंगलुरू में यूनिफॉर्म को लेकर किसी भी तरह के नियम कानून के समर्थन या विरोध में होने वाले प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगाया जाए। इसे देखते हुए धारा 144 लगाई गई है और स्कूल, पीयू कॉलेजों, डिग्री कॉलेज और इसी तरह के अन्य संस्थानों के आसपास प्रतिबंध लगाए गए हैं।

जनवरी के आखिरी हफ्ते में उडुपी जिले में एक स्कूल में हिजाब लगाकर पहुंची छात्राओं को स्कूल में प्रवेश देने से मना कर दिया गया था। इसके बाद से मामला तूल पकड़ गया। राज्य सरकार ने भी कहा कि स्कूल में ड्रेस कोड लागू है, जबकि हिजाब ड्रेस का हिस्सा नहीं है। उधर, मुस्लिम छात्राएं सरकार के इस जवाब पर विरोध प्रदर्शन में जुट गईं। छात्राओं का कहना है कि वे बिना हिजाब के स्कूलों में पुरुषों के बीच असहज महसूस करती हैं। मामला हाईकोर्ट में है। इस बीच मंगलवार को राज्य के कई हिस्सों में छात्राओं ने प्रदर्शन किया। इनके विरोध में कुछ हिंदू छात्र सामने आ गए और हिजाब के विरोध में भगवा गमछा पहनकर प्रदर्शन किया।

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