अगर दिखाए भ्रामक विज्ञापन तो अब मोदी सरकार कसेगी इस कानून से शिकंजा

यूनिक समय, नई दिल्ली। नए साल में मोदी सरकार भ्रामक विज्ञापन दिखाने पर कानून से कंपनियों में शिकंजा कसेगी। देश में नए उपभोक्ता कानून 2019 लागू हुए एक साल भी नहीं हुए हैं, पर इसका असर अभी से दिखना शुरू हो गया है। कोरोना महामारी के दौरान भ्रामक विज्ञापनों के माध्यम से उपभोक्ताओं को गुमराह करने वाली कई कंपनियों को केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (उउढअ) ने नोटिस भेजना शुरू कर दिया है। उपभोक्ता मामले के मंत्रालय की मानें तो अब तक कई कंपनियों को भ्रामक विज्ञापन को लेकर नोटिस भेजा जा चुका है। उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने इन कंपनियों को जवाब देने के लिए एक निश्चित वक्त भी दिया है।

नए कानून का इस तरह दिख रहा है असर
कुछ दिन पहले ही केरल की एक कंज्यूमर कोर्ट ने हेयर क्रीम प्रोडक्ट के विज्ञापन में गलत दावा करने को लेकर एक फिल्म एक्टर को जिम्मेदार ठहराया था। फिल्म एक्टर ने इस हेयर प्रोडक्ट के असर के बारे में जाने बिना ही एंडॉर्स कर रहे थे। त्रिसूर के ‘जिला उपभोक्ता फोरम’ ने ‘बनाने वाली कंपनी और फिल्म एक्टर अनूप मेन पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था।

इस कंपनी और एक्टर को भरना पड़ा जुर्माना
शिकायत करने वाा शख्स वडक्कन ने बताया, ‘पहली बार इस हेयर क्रीम को जनवरी 2012 में 376 रुपये में खरीदा था। इस हेयर क्रीम को उन्होंने एक विज्ञापन देखने के बाद खरीदा था, जिसमें अनूप मेनन प्रॉमिस करते हैं कि अगर इस प्रोडक्ट को 6 सप्ताह तक इस्तेमाल किया जाता है तो हेयर ग्रोथ देखने को मिलेगा। लेकिन, यह क्रीम इस्तेमाल करने के बाद भी उन्हें कोई लाभ नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने फोरम में शिकायत दर्ज करते हुए 5 लाख रुपये मुआवजे की मांग की थी।’

इस तरह हो रही मॉनिटरिंग
केंद्र सरकार पिछले साल 20 जुलाई को ग्राहकों को पहले से और भी मजबूत बनाने और ज्यादा अधिकार देने के लिए 34 साल बाद नया कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 लेकर आई थी। यह कानून देश में पुराने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 का जगह लिया है। अब इस कनून के जरिए प्रिंट , टीवी और डिजिटल मीडिया पर प्रसारित होने वाले भ्रामक विज्ञापनों की मॉनिटरिंग की जा रही है। देश में विज्ञापनों की प्रमाणिकता की जांच करने वाली संस्था एडवटाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया इसकी जांच कर रही है।

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*