कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान को लगे दो बड़े झटके, डूब गए करोड़ो!

नई दिल्ली। कश्‍मीर मुद्दे पर एक बार फिर से पाकिस्‍तान को मुंह की खानी पड़ी है. जम्‍मू कश्‍मीर में अनुच्‍छेद 370 में बदलाव के मुद्दे को पाकिस्‍तान के कहने पर चीन ने में उठाया लेकिन चीन को छोड़ दुनिया के किसी और मुल्‍क का समर्थन नहीं मिला. वहीं, कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान की हार के बाद और भारत के साथ बढ़ते तनाव के चलते निवेशकों ने शेयर बाजार से पैसा निकाल लिया है। इससे वहां के शेयर बाजार का प्रमुख इंडेक्स KSE100 700 अंक लुढ़क गया और करोड़ों रुपये कुछ ही मिनटों में डूब गए. इसके अलावा अब अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक मदद को भी कम करने का ऐलान किया है।

अमेरिका ने दिया पाकिस्तान को झटका
आर्थिक संकट से गुजर रहे पाकिस्तान को अमेरिका ने एक और झटका दिया है. अमेरिका (America) ने केरी लूगर बर्मन एक्ट के तहत पाकिस्तान को दी जाने वाली प्रस्तावित आर्थिक मदद में 44 करोड़ डॉलर (करीब 3036 करोड़ रुपये) की कटौती कर दी है. इस कटौती के बाद पाकिस्तान को 4.1 अरब डॉलर की धनराशि दी जाएगी.

पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, आर्थिक मदद में कटौती के फैसले के बारे में पाकिस्तान को इमरान खान (Imran Khan) के अमेरिकी दौरे से तीन हफ्ते पहले ही आधिकारिक सूचना दे दी गई थी.

अमेरिका से यह आर्थिक मदद पाकिस्तान पेपा (पाकिस्तान एन्हांस पार्टनरशिप एग्रीमेंट) के जरिए हासिल करता है.

डूब गए लाखों करोड़ों- पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के पहले साल का कार्यकाल 28 अगस्त को पूरा हो रहा है. इस दौरान पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था खोखली हो गई है.
बीते एक साल के दौरान देश में महंगाई 11 फीसदी हो गई है. वहीं, देश का विदेशी मुद्रा भंडार पूरी तरह से खाली हो चुका है.इसीलिए बीते एक साल के दौरान पाकिस्तान के शेयर बाजार की मार्केट वैल्यू 1 लाख करोड़ पाकिस्तानी रुपये गिर गई है. इस दौरान KSE-100 इंडेक्स 12,596 अंक गिर गया है.

बढ़ रही है बेरोजगारी- पाकिस्तान सांख्यिकी ब्यूरो की तरफ से जारी महंगाई के आंकड़ों के मुताबिक, महंगाई बढ़ने से गरीबी रेखा में रहने वालों की संख्या में 40 लाख का और इजाफा हो जाएगा, जबकि इस साल दस लाख लोग और बेरोजगार हो जाएंगे.

पाकिस्तान सांख्यिकी ब्यूरो की तरफ से जारी महंगाई के आंकड़ों के मुताबिक, महंगाई बढ़ने से गरीबी रेखा में रहने वालों की संख्या में 40 लाख का और इजाफा हो जाएगा

आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि महंगाई दहाई अंक में पहुंचने और आर्थिक विकास की गति तीन प्रतिशत से नीचे रहने से देश मुद्रास्फीति जनित मंदी की जाल में फंस सकता है.

पाकिस्तान में महंगाई बढ़ने का सबसे बड़ा कारण पाकिस्तानी रुपया का कमजोर होना है. डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया 160.87 पर पहुंच गया है. 1 साल पहले 16 अगस्त को पाकिस्तानी रुपये की डॉलर के सामने वैल्यू 123 रुपया थी.

वहीं, पांच साल पहले ही बात करें तो 2014 में पाकिस्तानी करेंसी की वैल्यू 99 रुपया थी. 2006 की तुलना में देखें तो पाकिस्तानी रुपया करीब 250 फीसदी से ज्यादा कमजोर हो चुका है. 2006 में पाकिस्तानी रुपये की वैल्यू 59 रुपए थी.

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