यूपी के इस गांव में 300 साल से ज्यादा समय से किसी बहन ने नहीं बांधी अपने भाई को राखी

भारतीय त्योहारों में रक्षाबंधन एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार है। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है और भाई-बहन की रक्षा करने का संकल्प लेता है। यह त्योहार सावन महीने के आखिरी दिन मनाया जाता है। हर राज्य में अलग-अलग तरह से राखी मनाई जाती है। लेकिन उत्तर प्रदेश का एक गांव ऐसा है, जहां 300 साल से ज्यादा समय से राखी नहीं मनाई गई है। यहां कोई भी बहन अपने भाई की कलाई पर राखी नहीं बांधती है। आइए आपको बताते हैं इस जगह के बारे में और इस अजीब परंपरा के पीछे क्या है वजह…

उत्तर प्रदेश के संभव के बैनीपुर चक नाम के गांव में रक्षाबंधन को लेकर एक अजीब परंपरा है। यहां यादव जाति में मेहर गोत्र के लोग राखी का त्योहार नहीं मनाते हैं। बताया जाता है कि इस गांव में यादव और ठाकुर जाति के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं। सदियों पहले यहां राखी मनाई जाती थी लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ कि यहां पर रक्षाबंधन का त्योहार मनाना बंद हो गया, क्योंकि बहन ने अपने भाई से कुछ ऐसा मांग लिया, जिसे पूरा करने के लिए भाई को पूरे कुल के साथ यहां से जाना पड़ा।

कहा जाता है कि एक बार यादव परिवार की बेटी ने ठाकुर परिवार के बेटे को राखी बांधी थी। इस दौरान बहन ने भाई से उपहार स्वरूप भैंस मांगी, जो उसे दे दी गई। दूसरी ओर जब ठाकुर परिवार की बेटी ने यादव परिवार के बेटे को राखी बांधी, तो उसने उपहार में भाई से एक वचन मांगा। यादव परिवार ने बिना सोचे और सुने उसका वचन मान लिया। लेकिन बाद में उन्हें बड़ा पछतावा हुआ, क्योंकि ठाकुर के बेटी ने यादव परिवार से जमीनदारी छोड़ने के साथ ही उनका सब कुछ मांग लिया। ऐसे में भाई ने बहन को वचन दिया था, तो परिवार ने जमीनदारी छोड़ने का फैसला किया और साथ ही गांव छोड़ कर चले गए। इसके बाद से यहां रक्षाबंधन का त्योहार नहीं मनाया जाता है। वहीं, यादव परिवार जिन्होंने जमीनदारी छोड़ी थी। वह अपने पूरे कुल के साथ यहां से चले गए।

 

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*